राम चरित मानस और तुलसीदास पर सवाल उठाने वालों पर सीएम ने विधानसभा में दी कड़ी प्रतिक्रिया-
कहा- कुछ लोगों के संस्कार अपनी ही विरासत को कोसने वाले हैं- गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने वाला ग्रंथ है रामचरित मानसः सीएम
2024 में जब भगवान राम अपने मंदिर में विराजेंगे तब पूरा विश्व हमारी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करेगाः योगी
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अथाह ब्यूरो लखनऊ । रामचरित मानस और गोस्वामी तुलसीदास को लेकर चल रहे ताजा घटनाक्रम पर भी सीएम योगी ने सवाल उठाने वालों पर विधान परिषद में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उनके संस्कार अपनी विरासत को कोसने वाले हैं, भगवान राम और मध्यकाल के महान संत तुलसीदास पर इस प्रकार की टिप्पणी कर रहे हैं, जिनकी विरासत पर देश दुनिया आकर्षित होती है। तुलसीदास जी ने जब रामचरित मानस लिखना प्रारंभ किया था, तब पोथी ही चोरी हो जाती है। समस्या कितनी ही बड़ी क्यों न हो, ईश्वर की कृपा हो तो कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मध्य काल में उन्होंने भारत का मार्गदर्शन करने वाले रामचरित मानस की रचना की। यह धार्मिक ग्रंथ गुलामी की बेडियों से मुक्त करने वाला है। उस काल में अकबर के दरबार में तुलसीदास ने कहा था कि मेरा एक ही राजा है। श्रीराम के अलावा मैं किसी को राजा नहीं मानता हूं। यूपी में जिन लोगों ने राम को कोसा था, जनता ने उन्हें कहां पहुंचा दिया। जो कहते थे अयोध्या में परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां भगवान राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है। 2024 में जब भगवान राम अपने भव्य मंदिर में विराजमान होंगे तब पूरा भारत, पूरा विश्व हमारी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व की अनुभूति करेगा।
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