संगोष्ठी में ऊर्जा संक्रमण में संभावनाओं एवं चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया जायेगा
अथाह ब्यूरो लखनऊ। प्रदेश में वर्ष 1983 में सतत विकास हेतु स्वच्छ ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति हेतु प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत गैर पारम्परिक ऊर्जा एजेन्सी की स्थापना की गयी। तभी से यूपी नेडा द्वारा नवीनीकृत ऊर्जा को प्रोत्साहित कर प्रदेश के जनमानस को हरित एवं गुणवत्तापूर्ण ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाती है। साथ ही पर्यावरण सुरक्षा तथा ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहित किया जाता है। भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में हरित ऊर्जा पर आधारित विकास को प्राथमिकता प्रदान की गयी है तथा इसे अमृत काल की सप्तऋषि प्राथमिकताओं में इंगित किया गया है, जिससे स्पष्ट होता है कि हमारा देश भविष्य में हरित ऊर्जा के क्षेत्र में कार्य करने हेतु नेट जीरो लक्ष्य की पूर्ति हेतु संकल्पबद्ध है। साथ ही प्रदेश कोे नवीनीकृत ऊर्जा के क्षेत्र में निर्माण का हब बनाने तथा इस क्षेत्र में रोजगार की सम्भावनाओं के विकास हेतु कटिबद्ध है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 10 से 12 फरवरी तक आयोजित हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के अन्तर्गत ‘सतत विकास में नवीनीकृत ऊर्जा का योगदान’ विषय पर सत्र का आयोजन किया जायेगा। यह सत्र हैंगर-04, वशिष्ठ हॉल, वृन्दावन योजना, लखनऊ में 10 फरवरी को अपरान्ह 02:30 से 04:00 बजे के बीच आयोजित होगा। इस सत्र का नेतृत्व ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री एके शर्मा एवं ऊर्जा राज्य मंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर द्वारा किया जायेगा। सत्र के प्रारम्भ में अपर मुख्य सचिव ऊर्जा, उत्तर प्रदेश तथा सचिव ऊर्जा, भारत सरकार द्वारा ऊर्जा संक्रमण में संभावनाओं एवं चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया जायेगा। इसके पश्चात विभिन्न प्रतिष्ठित वैश्विक एवं राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञों द्वारा राउण्ड-द-क्लॉक (आरटीसी) पॉवर, सौर ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों में ओपन एक्सेस, रूफ-टॉप सौर संयत्र, जैव-ऊर्जा तथा ग्रीन हाइड्रोजन जैसे विषयों पर प्रकाश डाला जाएगा। इसके पश्चात निवेशकों को प्रदेश में नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में उपलब्ध अपार संभावनाओं के सम्बन्ध में जानकारी दी जाएगी। तदोपरान्त देश के ऊर्जा क्षेत्र के अग्रणी वित्तीय संस्थाओं जैसे पावर फाइनेंस कारपोरेशन, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन तथा इरेडा के शीर्ष नेतृत्व द्वारा नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र को वित्तीय सहायता प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके पश्चात इन विषयों पर एक खुली परिचर्चा होगी।
प्रदेश में नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहित एवं विकसित करने हेतु सौर ऊर्जा नीति (वर्ष-2022) एवं जैविक ऊर्जा नीति (वर्ष-2022) लागू की गयी है, जिसे समस्त हितधारकों से अभूतपूर्व समर्थन प्राप्त हुआ है। उत्तर प्रदेश शासन एवं नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र के प्रख्यात उपक्रमों के मध्य ग्रीन हाइड्रोजन, पम्प स्टोरेज, जिओ-थर्मल ऊर्जा तथा यूटीलिटि स्केल एवं फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं से सम्बन्धित निवेश समझौते हस्ताक्ष्रित किये जाएंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (जीआईएस-23) का आयोजन नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की प्रतिबद्धताओं को मूर्त रूप देने तथा प्रदेश के समावेशी आर्थिक विकास में अत्यन्त सहायक सिद्ध होगा।