भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा संचालित महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प का छात्रावास भूमि पूजन कार्यक्रम
- समाज आगे चलेगा, सरकार उसके पीछे होगी, तब समाज स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर होगा: मुख्यमंत्री
- समाज को जोड़ने के लिए पं0 मदन मोहन मालवीय द्वारा किये गये प्रयास हम सभी के सामने: योगी
- भाऊराव देवरस ने आजादी के आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई, सामाजिक संगठनों को नेतृत्व प्रदान किया
- शासन की योजनाओं के संचालन में समाज के स्वावलम्बन की मंशा होती
- मुख्यमंत्री ने ‘महामना पं. मदन मोहन मालवीय भारतीयता के प्रतीक पुरुष’ स्मारिका एवं ‘सेवा चेतना’ पत्रिका का विमोचन किया
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की परम्परा सदा स्वावलम्बन की रही है। स्वावलम्बन की परम्परा के पीछे यहां का समाज रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा में भी आत्मनिर्भर ग्राम की बात कही गयी है। आत्मनिर्भर समाज एवं ग्राम में शासन पर निर्भरता न्यूनतम थी। उन्होंने कहा कि समाज आगे चलेगा, सरकार उसके पीछे होगी, तब समाज स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर होगा। यदि सरकार आगे होगी, समाज पीछे होगा तब वह समाज परावलम्बी होगा। परावलम्बी समाज सभी चीजों के लिए सरकार से उम्मीद करेगा। परावलम्बी समाज में स्वावलम्बन जैसे भाव का सदैव अभाव दिखाई देगा।
मुख्यमंत्री रविवार को यहां भाऊराव देवरस सेवा न्यास द्वारा संचालित महामना शिक्षण संस्थान बालिका प्रकल्प के छात्रावास भूमि पूजन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने आर्थिक दृष्टि से विपन्न मेधावी छात्राओं के लिए नि:शुल्क आवासीय प्रकल्प के भवन का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि आज माघ पूर्णिमा है। मध्यकाल में सामाजिक भेदभाव को दूर कर एक समरस समाज की स्थापना करने और कर्म साधना की प्रेरणा देने वाले सद्गुरू संत रविदास की आज पावन जयन्ती है। मुख्यमंत्री ने पूज्य संत रविदास जी को कोटि-कोटि नमन करते हुए उनकी जयन्ती पर प्रदेशवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने महामना शिक्षण संस्थान की प्रथम स्मारिका महामना पं. मदन मोहन मालवीय भारतीयता के प्रतीक पुरुष एवं भाऊराव देवरस न्यास द्वारा प्रकाशित पत्रिका सेवा चेतना का विमोचन किया। मुख्यमंत्री को पुष्प एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। उन्होंने महामना शिक्षण संस्थान के योग्य विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को सम्मानित किया।
योगी आदित्यनाथ ने विश्वास व्यक्त किया कि महामना शिक्षण संस्थान द्वारा संचालित बालिका प्रकल्प का कार्यक्रम यहां प्रारम्भ हो रहा है। यह प्रदेश की बालिकाओं को स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर करने और इसके माध्यम से समाज की नींव को मजबूत करने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि देश की विडम्बना रही है कि ब्रिटिश कालखण्ड में देश के गौरव को पूरी तरह से समाप्त करने के प्रयास किये गये। बड़े-बड़े शिक्षा केन्द्र एवं आस्था केन्द्रों को नष्ट किया गया, जिससे भारतीय समाज अपने गौरव की अनुभूति न कर सके। उन्होेंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में यह पहली बार हुआ कि किसी राष्ट्रीय पर्व के साथ पूरा देश जुड़ पाया। प्रत्येक भारतीय द्वारा हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत अपने घर पर तिरंगा लगाया गया। यह इस बात द्योतक है कि पूरा देश भारतीयता के साथ जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की जनता ने तिरंगा के साथ भारतीयता का एहसास कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीयता का एहसास इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान भी हुआ। विश्व में अमेरिका एवं यूरोप के देशों के बजाय भारत में स्वास्थ्य सुविधाएं कम थीं, इसके बावजूद कोरोना कालखण्ड में देशवासियों द्वारा मिलकर टीमवर्क के माध्यम से कार्य किया गया, जो दुनिया का सबसे अच्छा कोरोना प्रबन्धन का उदाहरण साबित हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब समाज आगे बढ़कर नेतृत्व करता है तो उसके परिणाम भी आने लगते हैं। सरकार के साथ समाज भी जब अनुशासन के साथ आगे बढ़ता है, परिणाम उसी रूप से आगे देखने को मिलते हैं। आज हम इस पवित्र भूमि-पूजन के कार्यक्रम आयोजन के साथ दो महान विभूतियों महामना पं. मदन मोहन मालवीय तथा भाऊराव देवरस से जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाऊराव देवरस ने लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर छात्र संघ की सक्रिय राजनीति में योगदान दिया था। उन्होंने आजादी के आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी। इन्होंने शिक्षण कार्य के उपरान्त अपने आपको समाज के लिए समर्पित किया। भाऊराव देवरस ने अनेक सामाजिक संगठनों को नेतृत्व प्रदान किया था, जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करते हैं। उत्तर भारत में अनेक स्थानों पर भाऊराव देवरस के नाम पर संस्थानों का निर्माण कराया गया है, जो उनके विराट व्यक्तित्व को अवगत कराता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत रत्न पं. मदन मोहन मालीवय एक प्रख्यात स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। मालवीय जी ने आजादी के आन्दोलन के दौरान अधिवक्ता के रूप में क्रान्तिकारियों की न्यायालय में पैरवी की थी। वह एक समाज सुधारक थे। समाज को जोड़ने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयास हम सभी के सामने हैं। मालवीय ने गंगा महासभा के माध्यम से अंग्रेजों द्वारा गंगा जी को रोकने के प्रयास के खिलाफ मुखर आवाज उठायी थी। उन्होंने अंग्रेजों के सामने इसके समाधान का जो रास्ता प्रदान किया था, वह आज भी उसी रूप में बरकरार है, जो सौ वर्ष बाद भी आज हरिद्वार में देखने को मिलता है। उन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 1916 में की थी। उन्होंने इस विश्वविद्यालय में सभी प्रकार के पाठ्यक्रम प्रदान किये थे, जो आज के परिप्रेक्ष्य में समाज और देश को नई दिशा प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि नालंदा व तक्षशिला का मॉडल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय बना है, वह आज हम सभी को देखने को मिलता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारों दिशाएं अनुकूल हैं तो उसके परिणाम भी अनुकूल आयेंगे। इस प्रकार के परिणाम यहां पर छात्रों को सम्मानित करने के समय देखने को मिला। महामना शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों ने आईआईटी, जेईई एवं नीट में सफलता प्राप्त की है। यह न्यास बालिकाओं के पठन-पाठन के लिए बिना भेदभाव के मंच प्रदान कर रहा है। यहां पर बालिकाओं को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान की जा रही है। प्रस्तावित छात्रावास व उसके उपरान्त बनाये जाने वाले शिक्षण संस्थान अपने आप में अभिनन्दनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग हेतु किसी अन्य प्रदेश में न जाना पड़े, इसके लिए प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से राज्य के विद्यार्थियों को वर्चुअल व भौतिक तरीके से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है। यहां पर अध्ययनरत गरीब छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन प्रदान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के कोचिंग में संघ लोक सेवा आयोग, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित अधिकारी विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान कर रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से कोचिंग करने वाले 43 अभ्यर्थी चयनित हुए हैं।