अथाह ब्यूरो
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमणन ने बजट में आरआरटीएस प्रोजेक्ट के लिए 3596 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं। इससे आरआरटीएस की हाई स्पीड ट्रेन के निर्माण की गति में तेजी आयेगी।
वर्तमान में देश के पहले 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर यानी दिल्ली- गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इस आरआरटीएस कॉरिडोर में दो डिपो और एक स्टेबलिंग यार्ड समेत 25 स्टेशन बनने है। सम्पूर्ण कॉरिडोर पर 14 हजार से अधिक मजदूर और 1100 इंजीनियर दिन- रात काम कर रहे हैं। कॉरिडोर के लिए अब तक 35 फीसद भूमिगत खंड (सुरंग) के अलावा 65 फीसद एलिवेटेड वायाडक्ट का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
आरआरटीएस कॉरिडोर के प्रायोरिटी सेक्शन का संचालन इसी साल शुरू किया जाना है, जिसके लिए आरआरटीएस ट्रैक पर ट्रेन की टेस्टिंग आदि का कार्य किया जा रहा है। इस खंड के परिचालन के साथ ही एनसीआर में नई रीजनल रेल सेवा यात्रियों को आधुनिक, वातानुकूलित, तेज और विश्वसनीय परिवहन सेवा प्रदान करेगा। पूरा कॉरिडोर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
180 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति और 160 किमी प्रति घंटे की परिचालन गति के साथ, आरआरटीएस ट्रेनें देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है। एयरोडायनामिक कोच 25 केवी एसी सिस्टम के साथ इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर स्वचालित होंगे। आरआरटीएस ट्रेनों को अत्याधुनिक नवीनतम तकनीक के साथ डिजाइन किया जा रहा है।