मुख्य सचिव ने अयोध्या के जन्म भूमि पथ, भक्ति पथ तथा राम पथ के कार्यों की समीक्षा की
मार्गों पर न हो किसी प्रकार का अतिक्रमण
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अयोध्या के जन्म भूमि पथ, भक्ति पथ तथा राम पथ के कार्यों की समीक्षा की।
इस मौके पर मुख्य सचिव ने मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारी अयोध्या को हनुमानगढ़ी में श्रद्धालुओं के लिए एक्सक्लेटर या फिर लिफ्ट लगवाये जाने का सुझाव दिया, जिससे आने वाले बुजुर्गों व दिव्यांगजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने विशेष रूप से पंचकोसी मार्ग, चौदह कोसी मार्ग आदि मार्गों पर श्रद्धालुओं के लिए बेन्च आदि निर्माण कराने को कहा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसका विशेष ध्यान रखा जाये कि मार्गों में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने पाये।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में एक नई अयोध्या स्थापित होगी, देश ही नहीं विदेश से भी लोग अयोध्या को देखने आएंगे। हमें रामायणकालीन भगवान राम के चरित्र और आदर्शों पर आधारित अयोध्या को विकसित करना है, इसके लिए जो भी योजनाएं चल रही हैं, उनमें जहां आवश्यक हो विषय विशेषज्ञों का सुझाव लिया जाये। सभी कार्यों में गुणवत्ता, स्थिरता और उसके दूरगामी प्रभावों को भी शामिल किया जाए। निर्माण कार्यों से प्रभावित होने वाले लोगों को समुचित मुआवजे का समय से भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
इससे पूर्व, बैठक में बताया गया कि जन्म भूमि पथ (सुग्रीव किला से श्रीराम जन्म भूमि मन्दिर मार्ग) का 51 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, शेष कार्य प्रगति पर है। भक्ति पथ (श्रृंगार हाट से श्री राम जन्म भूमि मंदिर मार्ग) के लिये भूमि भवन क्रय एवं पुनर्वास का कार्य पूर्ण हो चुका है। कुल प्रभावित 350 दुकानों का मुआवजा दिया जा चुका है। ध्वस्तीकरण का कार्य पूर्ण कराकर सिविल कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है। इसके अतिरिक्त राम पथ (सहादतगंज से नयाघाट मार्ग) के लिये अर्जित भूमि पर स्थित भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही गतिमान है। पुनर्व्यवस्थापन एवं पुनर्वासन हेतु 2196 प्रभावित दुकानदारों के सापेक्ष 2130 दुकानदारों का भुगतान किया जा चुका है।
बैठक में सचिव लोक निर्माण अजय चौहान तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम, आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद, अयोध्या के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, नगर आयुक्त समेत अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।