भाजपा- संघ कार्यकर्ताओं- रालोद में टकराव के बाद
क्रास एफआईआर लगातार बढ़ा रही पुलिस की टेंशन
सवाल: किसके इशारे पर लिखी गई क्रास एफआईआर
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। संघ स्वयं सेवकों की बंधक बनाकर पिटाई के बाद जिस प्रकार संघ स्वयं सेवकों एवं भाजपा पदाधिकारियों के खिलाफ क्रास एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर अब गाजियाबाद के नये बने कमिश्नरेट की टेंशन बढ़ा रही है। अब तो यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि आखिर क्रास एफआईआर वह भी गंभीर धाराओं में किसके इशारे पर लिखी गई है। हालांकि इस इशारे की भगवा पार्टी में दबी जुबान से खूब चर्चा हो रही है।
बता दें कि बाल स्वयं सेवकों के पथ संचलन में स्कूटी ले जाने एवं विरोध करने वाले स्वयं सेवकों को बंधक बनाकर पीटने के मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन बाद में रालोद नेताओं के दबाव में भाजपा व संघ के कार्यकर्ताओं एवं स्वयं सेवकों के खिलाफ भी गंभीर धाराओं में पुलिस ने क्रास एफआईआर दर्ज कर ली थी। क्रास एफआईआर होने पर भाजपा के साथ ही उसके मातृ संगठन आरएसएस के पदाधिकारियों की माथे पर बल पड़ गये। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि बगैर कुछ किये यदि संघ एवं भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ ही रिपोर्ट दर्ज होगी तो किसी को क्या जवाब देंगे, यहीं न कि ये तो खुद ही बगैर कुछ किये आरोपी बन जाते हैं।
इस मामले में मंगलवार को भाजपा के जन प्रतिनिधियों, महानगर अध्यक्ष के साथ ही संघ के लोगों ने पुलिस कमिश्नर से मिलकर विरोध जताया था। वहां से क्या आश्वासन मिला यह तो पर्दे में है, लेकिन दूसरी तरफ भाजपा विरोधी दलों के जाट नेता एक हो गये और पुलिस पर दबाव बनाते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के साथ ही आंदोलन की चेतावनी दे डाली। जाट नेता गुरुवार को इस मामले में आंदोलन भी करेंगे। उनकी घोषणा तो यहीं कहती है। इतना ही नहीं अब सपा नेता एवं पूर्व बार अध्यक्ष नाहर सिंह यादव ने सभी दलों की इस मुद्दे पर एक फार्म हाऊस में बैठक बुलाई है। यह बैठक भाईचारा मंच के बैनर पर बुलाई गई है। इसमें सपा, रालोद, कांग्रेस, आसपा, बसपा समेत सभी को बुलाया गया है। बैठक में मुख्य मुद्दा भाजपा- संघ वालों की गिरफ्तारी के साथ ही ओबीसी आरक्षण मुख्य है।
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आखिर किसने दी थी क्रास एफआईआर की सलाह
क्रास एफआईआर की सलाह पुलिस को आखिर किसने दी थी। इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। इसके लिए चर्चाओं में भाजपा के ही एक मजबूत नेता का नाम आ रहा है। कहा जा रहा है कि नेताजी ने रालोद के धरने के बाद किसी की सलाह पर पुलिस को सलाह दे दी कि क्रास एफआईआर होने पर समझौता भी जल्द हो जायेगा। नेताजी को सलाह देने वालों में एक भाजपा और एक सपा नेता का नाम लिया जा रहा है। इसमें कितनी सच्चाई है यह तो हमें भी पता नहीं।
समझौता हुआ भी तो दबाव में नहीं
सूत्र बताते हैं कि समझौता भी हो सकता था। लेकिन जिस प्रकार भाजपा व संघ नेताओं की गिरफ्तारी के नाम पर दबाव बनाया जा रहा है, उस दबाव में नहीं होगा। सूत्र बताते हैं कि संघ जातियता को बढ़ावा नहीं देना चाहता। वह पूरे हिंदू समाज को एक रखने का पक्षधर है। लेकिन दबाव में कुछ संभव नहीं है।