संघ स्वयं सेवकों- भाजपा पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर का मामला
भाजपा ने कहा पुलिस दबाव में दर्ज की रिपोर्ट
निरस्त हो भाजपा- संघ कार्यकर्ताओं के खिलाफ रिपोर्ट
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद। गुरु गोविंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान दिवस पर राष्टÑीय स्वयं सेवक संघ के बाल स्वयं सेवकों के पथ संचलन के दौरान संघ के स्वयं सेवकों को बंधक बनाकर मारपीट करने एवं भाजपा व संघ कार्यकर्ताओं पर क्रास एफआईआर दर्ज करने के मामले में भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा समेत जन प्रतिनिधियों ने पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा से मिलकर अपना विरोध दर्ज करवाया। इसके साथ ही कहा गया कि पुलिस ने बगैर जांच किये दबाव में एफआईआर दर्ज की है।
25 दिसंबर को संघ के बाल स्वयं सेवकों के पथ संचलन के बीच से जबरन स्कूटी निकालने को लेकर कविनगर थाना क्षेत्र के महेंद्रा एंक्लेव में दोपहर 12 बजे विवाद हुआ था। इसके बाद संघ के स्वयं सेवकों को बंधक बनाकर पीटा गया था। स मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में उसी दिन देर शाम भाजपा व संघ के आधा दर्जन से ज्यादा कार्यकर्ताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की थी। इसको लेकर भाजपा एवं संघ कार्यकर्ताओं में पुलिस के खिलाफ नाराजगी है।
मंगलवार को पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा से उनके निवास पर भाजपा महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा के नेतृत्व में विधायक अजीत पाल त्यागी, अतुल गर्ग, एमएलसी दिनेश गोयल एवं महापौर आशा शर्मा ने मुलाकात करने के साथ ही ज्ञापन सौंपा। इनके साथ संघ से जुड़े लोग भी थे। उन्होंने कहा जिस समय की यह घटना है उस समय क्षेत्रीय उपाध्यक्ष मयंक गोयल, कविनगर मंडल अध्यक्ष दुष्यंत पुंडीर एवं महानगर किसान मोर्चा मंत्री अनुराग दीपक कौशिक भाजपा के राष्टÑीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधाी के कार्यक्रम में उपस्थित थे। इसके साथ ही कहा गया कि पुलिस ने बगैर जांच किये एवं दबाव में रिपोर्ट दर्ज की है जिसे निरस्त किया जाये। इसके साथ ही कहा गया कि पुलिस कमिश्नरेट कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। गलत एफआईआर दर्ज होने से कार्यकर्ताओं में रोष है।
सूत्रों के अनुसार पुलिस कमिश्नर ने भाजपा प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि इस मामले में निष्पक्ष रूप से कार्रवाई की जायेगी।
पुलिस कमिश्नर से मिलने के बाद भाजपा के सभी लोग शास्त्रीनगर स्थित संघ कार्यालय गये एवं वरिष्ठ संघ अधिकारियों को पूरी जानकारी दी। इस दौरान भाजपा के लोग मीडिया से बचते नजर आये।
सूत्रों के अनुसार इस दौरान जिले के कई पुलिस अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर भी शिकायत की गई। उनके ऊपर आरोप था कि वे भाजपा कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनते। इसके साथ ही जिस क्षेत्र में घटना हुई वहां के संबंधित पुलिस अधिकारी भी भाजपा के निशाने पर रहे। अब देखते हैं कि इस मामले में आगे क्या होता है।