आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में
कहा, पहले पिछड़ों का आरक्षण हो, फिर चुनाव हो
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आरक्षण विरोधी भाजपा निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के विषय पर घड़ियाली आंसू बहा रही है। आज भाजपा ने पिछड़ों के आरक्षण का हक छीना है, कल भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए गए दलितों के आरक्षण को भी छीन लेगी।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने न केवल पिछड़ों को धोखा दिया है अपितु बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के दिए संविधान को भी खत्म करने की साजिश की है। निकाय चुनावों में ओबीसी का आरक्षण खत्म करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है। न्यायालय के समक्ष जानबूझकर तथ्य प्रस्तुत नहीं किये गये। उत्तर प्रदेश की 60 प्रतिशत आबादी को आरक्षण से वंचित कर दिया गया। भाजपा ने मनमानी प्रक्रिया अपने फायदे के लिए ही की थी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने डा. राममनोहर लोहिया और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विचारों को आत्मसात करके सदैव सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी है। जातिगत जनगणना और सामाजिक न्याय की मांग की है। भाजपा समाजवादी पार्टी की इस न्याय की लड़ाई से डरी है। भाजपा ने इससे पहले 17 अति पिछड़ी जातियों से भी झूठ बोला है।
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की पिछड़ा विरोधी नीयत साफ हो गई है। भाजपा जो खुद नहीं कर पाती वह जनहित याचिका के माध्यम से करवाती है। भाजपा का चाल, चरित्र, चेहरा सारी दुनिया के सामने उजागर हो गया है। जो खुद को पिछड़ा वर्ग हितैषी बताते थे वे भाजपा में आज बंधुआ मजदूर की तरह दिख रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाज में पिछड़ों के प्रतिनिधित्व को समाप्त करने की ही योजना भाजपा सरकार की थी। बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर द्वारा दिए गए सामाजिक न्याय के ढांचे को भाजपा पूरी तरह से ध्वस्त करना चाहती है। अंत्योदय का जुमला देने वालों ने जिस तरह छल से समाज के पिछड़ों का हक, सम्मान और अधिकार छीनने का काम किया है वह लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरक्षण बचाने की लड़ाई में पिछड़ों और दलितों को समाजवादी पार्टी के साथ आने की अपील की है और कहा कि पहले पिछड़ों का आरक्षण हो, फिर चुनाव हो।