पार्टी नेतृत्व ने जन प्रतिनिधियों को दिया संदेश, विवाद को हवा न दें
नंद किशोर गुर्जर एवं अनिल अग्रवाल ने भी दिया घटनाक्रम का ब्यौरा
अथाह संवाददाता गाजियाबाद। गाजियाबाद भारतीय जनता पार्टी में शुरू हुई गुटबाजी एवं पत्रों के जरिये धमाके अब थमने के आसार है। पार्टी नेतृत्व के कड़े रूख के बाद सभी जन प्रतिनिधियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। इसके साथ ही शेष बचे दो जन प्रतिनिधियों से भी प्रदेश भाजपा मंत्री अमित वाल्मीकि ने बात की। बता दें कि भाजपा एमएलसी दिनेश गोयल के कार्यालय पर हुई बैठक में सर्व सम्मति से कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था कि कोई भी जन प्रतिनिधि के प्रतिनिधि अथवा उनके परिवार वाले निगम एवं नगर पालिका चुनाव के लिए आवेदन स्वीकार नहीं करेंगे। इसका कारण यह बताया गया कि प्रतिनिधि एवं बच्चों से भी कार्यकर्ताओं को निवेदन करना पड़ रहा है जो उचित नहीं है। इसके ऊपर राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल, एमएलसी दिनेश गोयल, विधायक सुनील शर्मा, अतुल गर्ग, अजीत पाल त्यागी एवं नंद किशोर गुर्जर ने हस्ताक्षर किये थे। लेकिन अगले ही दिन दिनेश गोयल ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने दबाव में हस्ताक्षर किये थे। इसके साथ ही उन्होंने अनिल अग्रवाल पर गुटबाजी करने एवं स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह को टारगेट करने का आरोप लगाया। इतना ही नहीं इसके बाद एक और पत्र जारी कर उन्होंने अनिल अग्रवाल पर अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगा दिया। विवाद जब मीडिया की सुर्खियां बनने लगा तब भाजपा नेतृत्व ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश भाजपा मंत्री एवं महानगर प्रभारी अमित वाल्मीकि को इस प्रकरण को शांत करने के साथ ही जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने को कहा। उन्होंने इस मामले में मंगलवार को केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, एमएलसी दिनेश गोयल, विधायक अजीत पाल त्यागी एवं अतुल गर्ग से भाजपा महानगर कार्यालय पर अलग अलग बात की। इसके साथ ही इस मामले में मीडिया में बयानबाजी न करने के निर्देश भी दिये। उन्होंने विधायक सुनील शर्मा के लखनऊ में होने के कारण उनसे फोन पर लंबी बात की। भाजपा सूत्रों के अनुसार बुधवार को लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी महानगर कार्यालय पहुंचकर अमित वाल्मीकि के समक्ष पूरा प्रकरण रखा। सूत्रों के अनुसार इसके साथ ही अमित वाल्मीकि ने राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल से भी देर शाम बात की है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार पूरे मामले को भाजपा नेतृत्व गंभीर है। इसको लेकर सभी को निर्देश दिये गये हैं कि वे मीडिया में बयानबाजी न करें। सूत्र बताते हैं कि आपसी खटास दूर करने के लिए जल्द ही सभी सांसदों- विधायकों की संयुक्त बैठक भी प्रदेश भाजपा प्रतिनिधि की उपस्थिति में होगी। बैठक सभी की उपलब्धता के आधार पर की जायेगी। बहरहाल इस मुद्दे पर सभी ने अपने मुंह बंद कर लिये हैं।