Dainik Athah

हरनंदी को पर्यटन स्थल के रूप में किया जाए विकसित: विक्रमादित्य सिंह मलिक

  • हिंडन नदी के सौंदर्यीकरण, प्रदूषण मुक्त बनाए जाने के संबंध में बैठक संपन्न
  • हिंडन एवं सहायक नदियों को अविरल बनाने के संबंध में संबंधित विभागों के द्वारा प्रस्तुत कार्ययोजना के संबंध में दिए निर्देश
  • हिंडन नदी को निर्मल बनाने का ले संकल्प
  • हिंडन नदी को स्वच्छ निर्मल बनाने के लिए स्वयं होना पड़ेगा जागरूक: सीडीओ

    अथाह संवाददाता
    गाजियाबाद।
    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसको पुरातन पहचान दिए जाने के संबंध में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देशन में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट के महात्मा गांधी सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
    इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि हिंडन नदी हमारे देश की सांस्कृतिक महारेखा है। नदिया मोक्षदायिनी माता है जो हमारे देश के हर प्राणी को अपने जल से शुद्ध करती हैं। उन्होंने कहा कि आज घाटो के आसपास विभिन्न लोगों के द्वारा गंदगी करने की कोशिश की जाती है जिसके बचाव के लिए हमें हिंडन नदी रूपी महारानी माता को निर्मल स्वच्छ बनाने के लिए स्वंय को जाग्रति होने पडेगा। उन्होंने कहा कि हिंडन नदी का न सिर्फ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि जनपद की आबादी के जीवन से सीधा संबंध जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके प्रति लोगों को जागरूक करना भी आवश्यक है ताकि वे अपने घरों से निकलने वाली दूषित पानी या कचड़ा नाला में नहीं फेंके। यही दूषित व कचड़ायुक्त पानी विभिन्न बहाव माध्यमों से हिंडन नदी में समाहित होकर उसे प्रदूषित करता है। इससे जलीय जीवों एवं हमारे रोजमर्रा के जिंदगी में प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके साथ-साथ यह पानी भू-गर्भ में जाकर जलस्तर को प्रदूषित कर देती है।
    उन्होंने कहा कि हिंडन नदी सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक है। इस संबंध में उन्होंने आम जनमानस से आह्वान करते हुए कहा कि कोई भी हिंडन नदी में कचरा, पॉलीथिन, पूजा सामग्री आदि नहीं फेंकेगा। उन्होंने कहा कि हिंडन जो कभी हरनन्दी नदी के नाम से पहचानी जाती थी लिहाजा नदी को पुरातन पहचान दिलाने के लिए हम सबको आगे आना होगा। स्वच्छ पर्यावरण एवं नदियों को प्रदूषण मुक्त किए जाने एवं उसको पुरातन पहचान दिलाना हम सबका नैतिक कर्तव्य एवं जिम्मेदारी है।
    मुख्य विकास अधिकारी ने हिंडन नदी को अविरल एवं स्वच्छ बनाने के संबंध में विभिन्न विभागों के द्वारा कराये जाने वाले कार्यो की बारीकी से जानकारी ली गई। उन्होंने निर्देश दिये कि हिंडन नदी के किनारे बसे प्रत्येक गांव में एवं नगर पालिकाओं में हिंडन नदी की सफाई के लिये कार्ययोजना बनाकर कार्य किए जाएं।
    मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रामीण क्षेत्रों की सफाई से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों की नालियों से आने वाली ठोस व तरल अवशिष्ट को सीधे नदी में जाने से रोकने के लिए एक योजना बनाएं। उन्होने निर्देशित किया कि हिंडन नदी को क्लीन व स्वच्छ बनाने के लिये सभी विभाग जन मानस का सहयोग लेते हुये बड़े कार्य कराना सुनिश्चित करें। उन्होने लोगो में हिंडन नदी के किनारे कूड़ा कचरा न फेकने आदि के बारे मे जागरूकता अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए। साथ ही नदी के पुनरोध्धार व मरम्मत के साथ-साथ घाटो की सफाई पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिये कि नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों से उनके क्षेत्रों में उपलब्ध काम्पेक्टर मशीन, कूड़ा सग्रेगेशन, डंम्पिंग यार्ड, मलमूत्र एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की जानकारी संकलित की जाए। बल्क वेस्ट जनरेटर को चिन्हित करें एवं नदी किनारे बसावटों में जहां भी कूडा व गंदे नाले सीधे नदी में डाले जा रहे हैं, उन स्थानों को चिन्हित कर इसकी रिपोर्ट उपलब्ध करें। प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों से बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण की नियमित जांच की जाए। एंटी स्पिटिंग व पालिथिन का इस्तेमाल पर सख्ती से चालान काटे जाए। मुख्य विकास अधिकारी ने हिंडन नदी में गिरने वाले औद्योगिक कचरे से फैक्ट्रियों के दूषित केमिकलयुक्त पानी को रोकने के लिए उद्योगों की मैपिंग करने के निर्देश दिए। विगत बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक द्वारा संबंधित विभागीय अधिकारियों को हिंडन नदी पर रिवर फ्रंट विकसित करते हुए हरनंदी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए अपनी अपनी विभागीय कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश के क्रम में जीडीए, आवास विकास, नगर निगम एवं संबंधित विभागों के अधिकारियों ने अपनी-अपनी कार्य योजना प्रस्तुत की एवं हिंडन नदी जिन-जिन ग्रामों से होकर गुजर रही है, उसके संबंधित लेखपाल एवं ग्राम प्रधानों ने अभिलेखों में दर्ज नदी/चारागाह की भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटवाने एवं वृक्षारोपण के संबंध में जानकारी दी।

मुख्य विकास अधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि हिंडन एवं उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त एवं अविरल बनाए जाने के लिए प्लास्टिक थैलियों के साथ-साथ अन्य प्रकार की वस्तुएं एवं सामग्रियों को नदियों में न बहाने, किसी भी प्रकार का कचरा नदियों में न डाले जाने साथ ही कचरा डालने वाले स्थान पर ही कचरा डाले जाने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। बैठक में समस्त उपजिलाधिकारी, परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन दीक्षित, नगर निगम, कृषि विभाग, सिंचाई विभाग, जिला पंचायत राज अधिकारी, पशुपालन विभाग, प्रदूषण विभाग, जिला उद्योग केंद्र सहित संबंधित विभागों के अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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