अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। अस्पतालों में अराजकता की स्थिति है। न इलाज मिल रहा है और न दवा। मरीजों और तीमारदारों के साथ अभद्रता आम बात हो गई है। सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों पर मंत्री जी की छापेमारी का कहीं कोई असर पड़ना ही नहीं था। आम आदमी अब सरकारी अस्पतालों में जाने से डरने लगा है। उन्होंने कहा महसी विधायक अपनी भाभी को दिल का दौरा पड़ने पर बहराइच मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए गए थे। वहां एक घंटे तक स्वास्थ्य कर्मी इंजेक्शन तक नहीं लगा सके। काफी मशक्कत के बाद बाहर से किसी को बुलाकर इंजेक्शन लगवाया गया, तब जाकर इलाज करवाया जा सका। जब सत्ता दल के विधायक की सुनवाई नहीं हो रही है तो आम आदमी का क्या होगा? बलरामपुर के जिला महिला अस्पताल में स्टाफ नर्स और डॉक्टरों की लापरवाही से एक नवजात की जान चली गई। कारण सिर्फ इतना था कि नवजात का पिता स्टाफ नर्स को प्रसव के नाम पर 2600 रुपये नहीं दे सका था। कुशीनगर में घरवाले मरीज को ठेला पर ले जाने के लिए मजबूर हुए। अस्पतालों और एंबुलेंस की व्यवस्था चौपट है। उन्नाव में एक बेटा अपनी मां का शव ठेला पर ले गया। गोण्डा के जिला महिला अस्पताल में एम्बूलेंस में प्रसव के बाद भी तीमारदार से दो हजार रूपए वसूल लिए गए।
अखिलेश यादव ने कहा राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में इलाज पाना बहुत मुश्किल है। बड़े डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं रहते, रेजीडेंट्स के सहारे व्यवस्था चल रही है। लारी कार्डियोलॉजी में दिल के गंभीर मरीजों को भी इलाज नहीं मिल पा रहा है। ज्यादातर बाहर से ही दवाइयां मंगाई जा रही है। समाजवादी सरकार में गंभीर मरीजों के लिए 108 एम्बुलेंस सेवा, प्रसूताओं के लिए 102 एम्बुलेंस सेवा शुरू की गई थी। एक रुपए की पर्ची पर मुफ्त इलाज और दवाइयों की व्यवस्था थी। गंभीर और असाध्य रोगों कैंसर, दिल, किडनी, और लीवर के इलाज की मुफ्त व्यवस्था थी। उत्तर प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा लखनऊ में कैंसर अस्पताल की स्थापना भी की गई थी। जिसे भाजपा सरकार ने चौपट कर दिया है।
उन्होंने कहा भाजपा सरकार बड़े-बड़े दावों और विज्ञापनों से प्रचार कर प्रदेश की बदहाल व्यवस्था को छुपा रही है। एंबूलेंस सेवा पूरी तरह से चौपट है। स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार का घुन लग गया है। मरीज और गरीब के लिए अब अस्पतालों की चौखट छू पाना भी सम्भव नहीं है। भाजपा सरकार की संवेदनशून्यता की यह पराकाष्ठा है।