लोस- विस के लिए निर्धारित आयु घटा कर 21 वर्ष की जाये
चौधरी ने लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ितों को मुआवजे का मुद्दा भी उठाया
अथाह ब्यूरो
नई दिल्ली। राष्टÑीय लोकदल के राष्टÑीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य जयंत चौधरी ने लोकसभा एवं विधानसभा के लिए आयु सीमा 21 वर्ष निर्धारित करने की मांग को लेकर निजी विधेयक पेश किया।
जयन्त चौधरी ने आज राज्य सभा में शून्यकाल में तीन अक्टूबर 2021 को हुए लखीमपुर खीरी काण्ड के पीड़ितों के मुआवजे को लेकर सवाल उठाया कि राज्य सरकार ने अभी तक उन्हे मुआवजा क्यों नहीं दिया है? उन्होंने कहा कि उस समय प्रदेश सरकार ने घायलों को 10-10 लाख रुपये एवं मृतकों के आश्रितों को नौकरी देने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि एक दिसम्बर 2022 को उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हमारी पार्टी के विधान मंडल दल के नेता राजपाल बालियान के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने माना कि मृतक परिवारों को नौकरी तथा अन्य घायलों को अभी तक कोई मुआवजा राशि नहीं दी गयी है। ऐसे में केन्द्र सरकार का नैतिक दायित्व बनता है कि वह अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार से पूछे कि पीड़ितों को अभी तक मुआवजे का भुगतान क्यों नहीं किया गया है ?
शुक्रवार को ही जयन्त चौधरी ने राज्य सभा में एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया। इस विधेयक में उन्होंने मांग की कि लोकसभा एवं विधान सभा के लिए निर्धारित आयु सीमा 25 वर्ष और राज्य सभा एवं विधान परिषद के लिए निर्धारित आयु सीमा 30 वर्ष को घटाकर सभी के लिए आयु सीमा 21 वर्ष कर देनी चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी देश के नीति निर्धारण सम्बंधी मामलों में सक्रिय भूमिका निभा सके।
इससे पहले भी जयन्त चौधरी विभिन्न मंचों से इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाते रहे हैं। 12 फरवरी 2019 को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित युवा अधिकार सम्मेलन में उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि हमारे देश की युवा आबादी लगभग 65 प्रतिशत है। जब देश युवा है, तो सांसद, विधायक बुजुर्ग क्यों?