Dainik Athah

हाल-ए-नगर निगम: कूड़ा उठाने को खरीदे गए करोड़ों के ई रिक्शा निगम गैराज की बढ़ा रहे शोभा

अधिकारियों की अनदेखी से निगम को लग रहा करोड़ों का चूना खराब होने के बाद नेहरू नगर गैराज में खड़े ई-रिक्शा ना चार्जिंग प्वाइंट ना ठीक कराने की व्यवस्था

अथाह सवांददाता

गाजियाबाद। सत्तासीन भाजपा नेता मंत्री एक तरफ भ्रष्टाचार मुक्त शासन का ढिंढोरा पीटते हैं तो दूसरी ओर सीएम योगी के भ्रष्टाचार मुक्त अभियान को गाजियाबाद नगर निगम अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। एक के बाद एक निगम के घोटाले आए दिन अखबारों की सुर्खियां बनते हैं। लेकिन मजाल है निगम में कब्जा जमाए बैठी महापौर व जिम्मेदार अधिकारी एक अल्फाज तक बोले। पूर्व में निगम में डस्टबिन खरीद में हुए घपलेबाजी का शोर रुका तो कूड़ा उठाने में हो रहे गड़बड़झाले का मुद्दा उठा, फिर कूड़ा डंप करने के लिए खरीदी गई गाड़ियों का मामला उछला इन सब में करोड़ों का गोलमाल का भी खूब शोर हुआ।

निगम के पांचों जोन में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव व फॉगिंग के नाम पर स्वास्थ्य विभाग में खेला किसी से छुपा नहीं। डीजल खरीद का मामला खूब सुर्खियां बना और अब एक और मामला सामने आया है जिसमें मोटे कमीशन खोरी के बाद करोड़ों के वारे न्यारे होने की चर्चा है। दरअसल नगर निगम ने छह-सात माह पूर्व शहर की कालोनियों से कूड़ा इकट्ठा करने के लिए करीब 150 ई-रिक्शा खरीदे थे। बरैली से खरीदे गए एक ई रिक्शा की कीमत करीब एक लाख 80 हजार व 20 लाख बताई जा रही है। ई रिक्शा चलाने के लिए सीएलसी कंपनी द्वारा करीब 11 हजार रुपए प्रति माह से चालक रखे गए। सूत्र बताते हैं कि 6 माह में केवल 1 माह का वेतन ई रिक्शा वाहन चालकों को दिया गया है। मजे की बात यह है करीब 40 ई रिक्शा नेहरू नगर स्थित निगम के गैराज में खड़े कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं। ई-रिक्शा चार्ज के लिए कोई पॉइंट नहीं है और ना ही उनके ठीक कराने की कोई व्यवस्था है। हालात यह है कि महीनों से खड़े ई रिक्शा जंग खाने लगे हैं। सूत्र बताते हैं कि विजय नगर जोन में दर्जनों ई रिक्शा की बैटरी चोरी हो चुकी है लेकिन संबंधित निगम अधिकारियों ने इस ओर कोई गौर नहीं किया। विजय नगर जोनल प्रभारी का कहना है कि इस मामले में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि बैटरी चोरी होने का मामला उनसे पहले का है। 

 बता दें कि नगर निगम ने पूर्व में चार पहिया बड़े वाहन कूड़ा उठाने के लिए खरीदे थे। उन्हें भी गैराज में खड़ा कर दिया और कूड़ा उठाने का ठेका प्राइवेट कंपनी को सौंप दिया जो वजन के हिसाब से कूड़ा उठा रहे हैं।बताते हैं कि इसमें अधिकारियों व बाबुओं की सांठगांठ से मोटा खेल खेला जा रहा है। करीब 6-7 माह पूर्व निगम द्वारा कालोनियों में गली-गली जाकर छोटे वाहन के तौर पर करोड़ों के ई-रिक्शा खरीदे गए जो गलियों में ना जाकर मुख्य मार्ग तक ही सीमित है।

विजयनगर जोनल कार्यालय पर 46 ई रिक्शा में दर्जनों खराब हालत में स्टोर में धूल फांक रहे हैं स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि बैटरी चोरी की शिकायत पुलिस में शायद की गई थी लेकिन चोरी गई बैटरी का कोई पता नहीं चला। विजय नगर में भी कुछ ई-रिक्शा संचालित है बाकी जोनल कार्यालय पर खड़े शोभा बढ़ा रहे हैं।

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