Dainik Athah

गढ़ गंगा मेला 29 को हापुड़ डीएम ने गढ़ मेले में पशुओं को ले जाने पर लगाई पर रोक

भैंसा बुग्गी, बैल गाड़ी से भी नहीं जा पायेंगे श्रद्धालु

पशुओं में लंपी वायरस फैलने की आशंका के चलते लिया गया निर्णय

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद/ हापुड़।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुख्य मेले ‘गढ़ मेला’ में इस बार भैंसा अथवा बैल गाड़ी से श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे। हापुड़ जिलाधिकारी मेधा रूपम ने मेले में पशुओं को ले जाने पर पाबंदी लगा दी है। इसी कारण इस बार मेले में भैंसा बुग्गी दौड़ भी नहीं होगी। यह निर्णय गायों के साथ ही भैंसों एवं अन्य पशुओं में लंपी वायरस फैलने के मद्देनजर लिया गया है।
बता दें कि हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा मेले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ ही राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली के लाखों लोग एकत्र होते हैं। इसके साथ ही ग्रामीण टेÑक्टर-ट्राली, भैंसा बुग्गी, बैल गाड़ी समेत अन्य निजी वाहनों से भी मेले में पहुंचते हैं।जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि हापुड़ सहित अन्य सभी जिलों में गौवंशीय एवं भैंसवंशीय पशुओं में घातक वायरल बीमारी लंपी स्किन डिजीज का प्रकोप फैला हुआ है।


इस बीमारी में पशुओं की त्वचा पर गांठनुमा फफोले व घाव हो जाते हैं। पशु को तेज बुखार बना रहता है एवं पशु चारा खाना बंद कर देता है। गामिन पशुओं में गर्भपात हो जाता है तथा पशु बांझपन के शिकार हो जाते हैं। बीमारी 3 से 6 सप्ताह तक बनी रहती है तथा ईलाज के बाद पूर्ण स्वस्थ होने में 3 से 4 माह का समय लगता है। यह बीमारी गाय-भैंसो के साथ-साथ घोड़े, गधे, खच्चर, ऊंट एवं हिरन प्रजाति के पशुओं को सर्वाधिक प्रभावित करती है। मेले प्रदर्शनी में पशुओं के एक स्थान पर एकत्र होने से लक्षणविहीन किन्तु रोग के वाहक पशुओं के द्वारा यह बीमारी अन्य सभी संपर्क में आने वाले पशुओं में घातक रूप से प्रबल संभावना है।

इस साल 29 अक्तूबर से गढमुक्तेश्वर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा के किनारे मेले का आयोजन किया जाना है। पर्व में उक्त गंगा स्नान मेले के साथ-साथ मेले में अश्व (घोड़ों) की प्रदर्शनी-अश्व विपणन का कार्य भी होता रहा है। ऐसे में मेले में अश्व प्रदर्शनी-विपणन मेले के आयोजन पर रोक लगायी गई है। ऐसे में श्रद्धालुओं से अपील कि है कि वे गंगा स्नान मेले में किसी भी घोड़े, गधे, खच्चर, गाय, बैल व भैंस को न ले जाएं एवं किसी भी प्रकार की पशु प्रदर्शनी का आयोजन न कराएं।

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