निकाय चुनाव को देख दल बदल का खेल अब पकड़ेगा जोर
एक जन प्रतिनिधि कर रहे पैरवी, दूसरा विरोध में
गेंद अब पूरी तरह संगठन के पाले में, संगठन करेगा निर्णय
अथाह संवाददाता
गाजियाबाद/ मोदीनगर। दीपावली त्यौहार के बाद निकाय चुनाव के लिए शतरंज के खेल में शह और मात का खेल भी शुरू हो गया है। यह खेल सबसे पहले दल बदल को लेकर है। मोदीनगर में एक पूर्व विधायक के भाजपा ज्वाइनिंग को लेकर चल रहे खेल में एक जन प्रतिनिधि पूर्व विधायक के भाजपा में शामिल होने के पक्ष में है तो दूसरा विरोध में। गेंद अब संगठन के पाले में है। संगठन की हां और ना पर पूरा खेल निर्भर कर रहा है।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार मोदीनगर की पूरी राजनीति इन दिनों नगर पालिका चेयरमैन पद के इर्द गिर्द घूम रही है। मोदीनगर के एक पूर्व विधायक भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो एक जन प्रतिनिधि इनके भाजपा में शामिल होने के पक्ष में है, जबकि दूसरे जन प्रतिनिधि विरोध में। हर तरफ से शह और मात का दौर पूरी तरह से जारी है। यदि सूत्रों पर भरोसा करें तो एक जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि भी इन पूर्व विधायक के पक्ष में है। लेकिन दूसरे जन प्रतिनिधि को भी इसकी भनक मिल गई है जिस कारण उनका पूरा प्रयास है कि इनका पार्टी में प्रवेश न हो। इसके पीछे कारण भी है। यदि पूर्व विधायक भाजपा में आ जाते हैं तो मोदीनगर में भाजपा की राजनीति में दो ध्रुव बन जायेंगे।
जाकारों की मानें तो इस नई ज्वाइनिंग को लेकर ऊपर तक पूरी तैयारी हो चुकी है। दो जन प्रतिनिधियों की लड़ाई में भाजपा नेतृत्व की नजर संगठन पर लगी है। इसका कारण यह है कि पार्टी की नजर निकाय चुनाव के साथ ही 2024 के चुनाव पर भी है। लोकसभा चुनाव भी मुख्य रूप से संगठन के बूते ही लड़ा जायेगा। यहीं कारण है कि पार्टी नेतृत्व बगैर जिला संगठन की राय के कोई बड़ा निर्णय करने के पक्ष में नहीं है। अब सभी की नजरें संगठन पर लगी है कि संगठन क्या चाहता है। सूत्रों की मानें तो संगठन से लिखित सहमति भी प्राप्त की जायेगी।
सूत्र बताते हैं कि मोदीनगर क्षेत्र में कई और नेता भी भाजपा की तरफ उम्मीदों के साथ देख रहे हैं। इनमें से कुछ जल्द ही भाजपा के पाले में खड़े दिखाई दे सकते हैं। अब देखते हैं शतरंज के इस खेल में कौन सा जन प्रतिनिधि संगठन को अपने पक्ष में कर पायेगा।