Dainik Athah

छोटी दीपावली और दीपावली पर्व एक दिन ही होगी

27 साल बाद दिवाली पर होगा ग्रहण का साया

इस वर्ष दीपावली का उत्सव 24 अक्टूबर दिन सोमवार को मनाया जाएगा। सोमवार को 5:27 पर अमावस्या आएगी। जबकि सूर्यास्त के 5:39 पर होगा अर्थात दीपोत्सव के समय दीपावली का उत्तम मुहूर्त रहेगा। 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को सूर्य ग्रहण पड़ रहा है जो भारत में दिखाई देगा। यह सूर्य ग्रहण दिन में 2:39 से आरंभ होगा और शाम 6:30 बजे ग्रसित होता हुआ सूर्य अस्त हो जाएगा।


इससे पूर्व में प्रात: 4:29 से सूतक आरंभ हो जाएगा । इसीलिए 25 अक्टूबर को प्रात: काल मंदिर, देवालय, इस समय पूजा अर्चना करना वर्जित है।
गोवर्धन का उत्सव 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। क्योंकि ठाकुर जी का भोग अन्नकूट सूतक काल में तैयार नहीं हो सकता अथवा बन नहीं सकता और शाम को ग्रहण के समय गोवर्धन की पूजा नहीं हो सकती। इसीलिए शास्त्रीय गणना के अनुसार भी 26 तारीख को कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा ही है। जो 26 अक्टूबर को ही सर्व मान्य है।
23 अक्टूबर दिन रविवार को धनतेरस का उत्सव मनाया जाएगा।
24 अक्टूबर को छोटी दीपावली और दीपावली का मुख्य पर्व एक साथ मनाया जाएगा।
25 तारीख को ग्रहण के कारण सभी उत्सव, पूजा सब बंद रहेंगे। 27 साल पहले 1995 में भी दीपावली उत्सव पर इस प्रकार से सूर्य ग्रहण हुआ था।
26 अक्टूबर को अन्नकूट,गोवर्धन पूजा तथा 27 अक्टूबर को भैया दूज का उत्सव मनाया जाएगा। दीपावली को पड़ रहे सूर्य ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र पर चंद्रमा का संचरण होगा ।इसलिए यह ग्रहण वृषभ ,सिंह , धनु और मकर राशि के लिए श्रेष्ठ फलकारक रहेगा ।मेष, कन्या और कुंभ राशि के लिए मध्यम रहेगा। मिथुन, कर्क, तुला ,वृश्चिक और मीन राशि के लिए यह अच्छा नहीं रहेगा।
महालक्ष्मी और दीपावाली पूजन के शुभ मुहूर्त:-
व्यापारिक संस्थानों में दिन में महालक्ष्मी पूजन के मुहूर्त
1.प्रात: 10:35 से 12: 38 बजे तक धनु लग्न उत्तम फलदायक है। इसमें गुरु और शनि अपनी स्व राशि में होंगे जो धन-धान्य व सुख समृद्धि के लिए अच्छे हैं।

  1. 12:38 बजे से 14:21 बजे तक मकर लग्न महालक्ष्मी पूजन करना बहुत शुभ है ।
  2. 14: 21बजे से 15: 49बजे तक स्थिर लग्न (कुंभ लग्न) रहेगा ।इस मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने से स्थायी समृद्धि आती है ।इस समय लाभ का चौघड़िया भी रहेगा।
  3. 15:49 बजे से 17:14 बजे तक मीन लग्न भी व्यापारिक संस्थानों में महालक्ष्मी पूजन का श्रेष्ठ मुहूर्त है।
    घरों व आवास में महालक्ष्मी पूजन के रात्रि के लग्न मुहूर्त:-
    1.दीपावली की रात्रि को प्रदोष वेला में मेष लग्न 17:14 बजे से 18:50 बजे तक रहेगा ।इसमें चर की चौघड़िया भी रहेगी। जो घरों में महालक्ष्मी व दीपावली पूजन के लिए बहुत उत्तम है।
  4. रात्रि 18:50 बजे से 20 : 46 बजे तक स्थिर लग्न (वृषभ लग्न) रहेगा ।
    स्थिर लग्न में महालक्ष्मी पूजन करने से लक्ष्मी जी का स्थायु निवास होता है।
  5. रात्रि 20:46 बजे से 22:59 बजे तक मिथुन लग्न है ।इसमें भी महालक्ष्मी पूजन उत्तम रहेगा. इस समय शनि के प्रभुत्व वाले चौघड़िया की व्याप्ति रहेगी। जो व्यापारी लोगों के लिए वह उत्तम है।
  6. रात्रि 22:59 बजे से 1:19 बजे तक के कर्क लग्न रहेगा। इसमें लाभ का चौघड़िया रहेगा ।यह निशीथ काल का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त भी है ।जो सभी कार्यों में सफलता का कारक माना जाता है।
  7. स्थिर लग्न (सिंह लग्न) रात्रि 1:19 से 3: 36बजे तक रहेगा। इस लग्न मुहूर्त में मंत्र सिद्धि ,रत्न धारण मंत्र सिद्धि और तांत्रिक साधकों के लिए लक्ष्मी पूजन उत्तम रहता है।
    लक्ष्मी जी के स्थायी निवास के लिए इसे शुभ मुहूर्त में किया गया पूजन व लक्ष्मी जी की साधना सर्वोत्तम होती है।
पंडित शिवकुमार शर्मा
आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य, गा.बाद

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