जीडीए के मठाधीश बाबुओं के खिलाफ नहीं हो रही कार्रवाई
मुख्य संवाददाता
गाजियाबाद। दैनिक अथाह में शुक्रवार को प्रकाशित समाचार “जीडीए के मठाधीश बाबुओं और त्रस्त आवंटियों के बीच आई टकराव की नौबत” का मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संज्ञान लिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जीडीए उपाध्यक्ष को ट्वीट कर संबंधित बाबू के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति आख्या मांगी गई है। मुख्यमंत्री को किए ट्वीट में राहुल गुप्ता नाम के व्यक्ति ने दैनिक अथाह का समाचार प्रेषित कर अवगत कराया है कि एक बाबू विशेष उनके भवन के नामांकन की कार्रवाई को लंबे समय से अटकाए हुए है। कई चक्कर काटने के बाद भी जीडीए अभिलेखों में उनका नाम दर्ज नहीं किया गया। मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में राहुल गुप्ता ने कहा है कि उक्त भ्रष्ट बाबू के खिलाफ कार्रवाई न होने की दशा में भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा मिलेगा।
गौरतलब है कि म्यूटेशन और एनओसी के लिए कई आवंटी जीडीए में बरसों से धक्के खा रहे हैं। इसकी एक वजह यह है कि कई बाबू एक ही पटल पर तय अवधि से भी अधिक समय से जमे हुए हैं। जिसकी वजह से इनमें से कई मठाधीश की भूमिका निभा रहे हैं। 15 सितंबर को इंदिरापुरम की एक महिला अपने भवन के नामांकन की प्रगति जानने के लिए जीडीए पहुंची थी। संबंधित बाबू द्वारा फरियाद न सुने जाने पर महिला ने ओएसडी के समक्ष भी गुहार लगाई थी। बताया जाता है कि ओएसडी द्वारा भी महिला की शिकायत न सुने जाने पर आहत महिला ने जीडीए परिसर में ही पुलिस बुला ली थी। महिला का आरोप था कि संबंधित बाबू उनके भवन के नामांतरण के काम को दो माह से भी अधिक समय से अटकाए हुए है।
यहां यह भी जानने योग्य तथ्य है कि लंबे समय से व्यावसायिक अनुभाग में तैनात उक्त बाबू की कई अन्य आवंटियों द्वारा भी समय-समय पर शिकायतें की जा रही हैं। इस आशय का समाचार दैनिक अथाह में प्रकाशित होने के बाद राहुल गुप्ता ने इस खबर को आधार बनाते हुए मुख्यमंत्री से कार्रवाई की मांग की है।
इसके अलावा सन टॉवर, शिप्रा सन सिटी, इंदिरापुरम निवासी विकास अग्रवाल व श्रीमती मेघना सिंह ने 12 जुलाई 2022 को बैंक से ऋण प्राप्ति हेतु बंधक अनुमति के लिए आवेदन किया था। दो माह से अधिक का समय व्यतीत होने के बाद भी जीडीए से बंधक अनुमति न मिलने पर इस दंपति द्वारा मुख्यमंत्री के ट्वीट पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा राहुल गुप्ता, विकास अग्रवाल व श्रीमती मेघना सिंह की शिकायतें मंगलवार को जीडीए हेल्प लाइन पर भेजी गई हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आए इस ट्वीट पर अभी तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है।