भाजपा सरकार में किसानों का सर्वाधिक उत्पीड़न
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में किसानों का सर्वाधिक उत्पीड़न हो रहा है। सूखा संकट से प्रदेश तबाह है। किसान बदहाल है। पर भाजपा सरकार इससे मुंह चुराकर झूठे वादों और आश्वासनों से ही अपनी संवेदनशून्यता का परिचय दे रही है।
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के 62 से ज्यादा जनपदों में सूखे का संकट है। किसानों के खेत सूख रहे हैं। भाजपा सरकार ने सूखे की स्थिति से उबरने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। वह प्रदेश में सूखे का सर्वे करने का ही बहाना बना रही है। पांच साल की एक अवधि पूरी करने के बाद छह महीने से अधिक बीत गए भाजपा सरकार आसन्न संकट के प्रति लापरवाह बनी रही। अब जब हालात बद से बदतर हो चले हैं सर्वे की बाते हो रही है। राज्य सरकार पूरे उत्तर प्रदेश को सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों के लिए राहत तत्काल उपलब्ध कराये। कहा कि सूखे की स्थिति में जिलों में जहां सरकारी नलकूपों में ताले पड़े हुए हैं वहीं किसानों को 100 रूपए प्रतिघंटा की दर से पानी खरीदने को विवश होना पड़ रहा है। किसानों से अभी भी बिजली बिल की वसूली हो रही है। सरकार के तमाम वादों के बावजूद किसानों को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। बिजली कटौती के घंटे बढ़ते ही जा रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा सरकार की किसान विरोधी नीतियों और संवैधानिक दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने के चलते ही किसानों को समय से न तो राहत मिलती है नहीं मुआवजा मिल पाता है। भाजपा सरकार हुए नुकसान का मुआवजा न देने के लिए कोई न कोई बहाना बनाती रहती है। भाजपा की सरकार को किसानों के कल्याण की कभी परवाह नहीं रही। कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को राहत देने की जगह उन्हें प्रताड़ित करने के नए-नए तरीके खोजने में शक्ति लगा रही है। प्रदेश में किसानों को सम्माननिधि देने की शुरूआत में एक करोड़ किसानों को दो-दो हजार रूपए की किस्त जारी की गई थी। चुनाव बीत गया तो अब भाजपा सरकार किसानों को दी गई किसान सम्माननिधि की वसूली करने की साजिश में लगी है। 21 लाख किसानों को अब राजस्व कर्मी वसूली करने के लिए परेशान कर रहे हैं। किसान अब भाजपा के किसी वादे के झांसे में आने वाले नहीं है। 2024 में जनता भाजपा से अपने वोट की कीमत वसूल करेगी।