Dainik Athah

कोविड प्रबंधन में विश्व बैंक ने की भारत की सराहना, एक बार फिर चर्चा में आया उत्तर प्रदेश

फिर हुई सीएम योगी के कोविड मैनेजमेंट की सराहना, पीएम मोदी के निदेर्शों को अक्षरश: किया था लागू

सीएम योगी ने पीएम मोदी के फोर टी मॉडल से यूपी में कोरोना पर कसी थी लगाम

यूपी के कोरोना प्रबंधन पर आईआईटी कानपुर कर चुका है सराहना

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कोविड मैनेजमेंट की एक बार फिर सराहना हुई है। उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान भारत सरकार के गाइड लाइन को प्रदेश में अक्षरश: लागू किया था। इस मामले में वैश्विक महामारी कोरोना के प्रबंधन को लेकर विश्व बैंक का चर्चा पत्र सामने आने के बाद सीएम योगी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को बधाई भी दी है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि, प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत के कोविड-19 प्रबंधन की वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है। विश्व बैंक द्वारा प्रकाशित एक चर्चा पत्र ने हाल ही में हमारी सरकार के कई प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश ने ‘संपूर्ण सरकार’ के दृष्टिकोण को अपनाया। माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जिस तरह से युद्ध लड़ा और विजयी हुआ उसने देश और दुनिया के सामने एक नजीर पेश की। उत्तर प्रदेश ने पीएम मोदी के फोर टी (ट्रेस, टेस्ट, टैकल एंड ट्रीटमेंट) की रणनीति पर काम किया। जिसका परिणाम है कि प्रदेश संभावित फ्लैशप्वाइंट नहीं बना। विश्व बैंक ने जिन मानदंडों पर भारत को खरा बताते हुए चर्चा पत्र प्रकाशित किया है। इससे पहले आईआईटी कानपुर द्वारा प्रकाशित कोविड संग्राम, यूपी मॉडल: नीति, युक्ति, परिणाम शोध पत्रिका में उत्तर प्रदेश की सीमित संसाधनों में बेहतर कोविड प्रबंधन की प्रशंसा कर चुका है।

इस शोध पत्रिका के अनुसार कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर में देश और दुनिया की चिकित्सकीय प्रणालियों को चुनौती दी, जिसके सामने अच्छे से अच्छे देश कमजोर हुए। सीमित संसाधनों में पहली लहर पर सफलता पाने के बाद यूपी ने बुनियादी ढांचे में तेजी से वृद्धि, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या में वृद्धि, आॅक्सीजन की कमी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया जिसका परिणाम है कि दूसरे प्रदेशों की तुलना में यूपी ने कम समय में दूसरी लहर पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है।

प्रदेश सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर्स की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखते हुए उन्हें पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एकेबीवाई जैसी विभिन्न योजनाओं से लाभन्वित किया। साथ ही इन सभी को 25 प्रतिशत अतिरिक्त वेतन भी उपलब्ध कराया गया। प्रदेश सरकार ने महज 15 दिनों में आॅक्सीजन की मांग से अधिक सप्लाई करते हुए किल्लत को दूर किया।

प्रदेश सरकार ने संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए एक ओर जहां रेपिड रिस्पांस टीम, होम क्वारंटाइन, टीम 11 व टीम 9 का गठन, स्किल मैपिंग, निगरानी समितियों का गठन, सर्विलांस कार्यक्रम, डोर टू डोर स्क्रीनिंग, मेडिकल किट का वितरण, हेल्प डेस्क, कोविड कमांड सेंटर जैसी प्रणालियों पर जोर दिया तो वहीं दूरदृष्टि रखते हुए सर्वाधिक आबादी वाले प्रदेश को कम समय में चिकत्सिकीय संसाधनों से लैस भी किया। जिसका परिणाम रहा कि वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज, 555 आॅक्सीजन प्लांट, पीएचसी सीएचसी का कायाकल्प, पीकू-नीकू की स्थापना, बेड की सख्यां का काम तेजी से किया गया। यही नहीं यूपी ने वैक्सिनेशन में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। अब तक प्रदेश में 37 करोड़ से ज्यादा कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

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