भूखंड पर बनी इकाइयों पर भी मंडराया सीलबंदी का खतरा
आलोक यात्री
गाजियाबाद। अंबेडकर रोड स्थित सुचेता कांपलेक्स में चल रहे विवाह मंडप सूर्या बैंक्वेट को कई गंभीर अनियमितताओं के चलते गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की प्रवर्तन टीम ने आज सील कर दिया। बताया जाता है कि सी-1 अम्बेडकर रोड स्थित करीब 4 हजार वर्ग मीटर का यह भूखंड लगभग चार दशक पूर्व मनोरंजन एवं व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन हेतु आवंटित किया गया था। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि सीलबंदी की कार्रवाई भूखंड पर भू-उपयोग के विपरीत गतिविधियां चलने की शिकायतों के चलते की गई है। जीडीए की इस कार्रवाई को महज खानापूर्ति इसलिए माना जा रहा है कि भूखंड के शेष हिस्से पर निर्मित निर्माण को छेड़ा भी नहीं गया है।
जीडीए प्रवर्तन विभाग के प्रभारी जीपी द्विवेदी के अनुसार भूखंड पर भू-उपयोग के विपरीत चल रही गतिविधियों की शिकायत तीसरे पक्ष द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई थी। जिसके बाद आवंटी पक्ष को नोटिस भेज कर जवाब मांगा गया था। लेकिन आवंटी पक्ष द्वारा इस संबंध में कोई संतोषजनक उत्तर न दिए जाने के कारण सूर्या बैंकवेट को सील करने की कार्यवाही की गई।
सूत्रों का कहना है कि इस भूखंड के आवंटन की जांच लंबे समय से लंबित है। मामला रसूखदार लोगों से जुड़ा होने की वजह से जांच आख्या हमेशा फाइलों में ही बंद होती रही है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि भूखंड की मूल पत्रावली जांच के लिए बरसों पहले सीबीआई के सुपुर्द की गई थी। इसके बाद इस प्रकरण में क्या हुआ? जीडीए में किसी को पता नहीं है। जीडीए की फाइलों से इस तथ्य की पुष्टि नहीं हो पा रही है कि भूखंड पर नक्शा कब और किस उद्देश्य के लिए स्वीकृत हुआ था।
इसके अलावा इस तथ्य की पुष्टि भी नहीं हो सकी कि भूखंड की रजिस्ट्री कब और किसके पक्ष में हुई है? गौरतलब है कि इस भूखंड पर वर्तमान समय में विभिन्न तलों पर स्वतंत्र व्यवसायिक इकाइयां निर्मित हैं। जिसमें व्यवसायिक गतिविधियां वर्षों से संचालित हो रही हैं। इनके विरुद्ध कार्यवाही कब होगी? इस सवाल पर जीडीए अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। सीलबंदी की यह कार्रवाई इतने गुपचुप तरीके से की गई कि अड़ोस-पड़ोस में भी किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। अलबत्ता भूखंड पर बनी शेष इकाइयां पर भी सीलबंदी का खतरा मंडरा रहा है।