गाजियाबाद। जिला एमएमजी अस्पताल के बाहर कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग ने इलाज के अभाव में तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया और सिस्टम सोता रहा। मरीज को रात 2:30 बजे एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया।परिजन उसे एडमिट कराने के लिए डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते रहे लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा।
सुबह 6 बजे तक मरीज अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही पड़ा रहा। काफी कहने के बाद सुबह 6 बजे डॉक्टर ने स्टाफ को भेजकर मरीज की स्थिति का पता किया तो पता चला कि उसकी एंबुलेंस में ही हो चुकी थी।
कल्लुपुरा निवासी 92 वर्षीय बुजुर्ग को दो दिन पहले दस्त की शिकायत होने पर परिजनों ने पुराना बस अड्डा स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया। वहां दस्त तो बंद हो गया लेकिन सांस लेने में परेशानी होने लगी। इस पर डॉक्टरों ने अस्पताल में आक्सीजन की व्यवस्था न होने की बात कहकर मरीज को दूसरे अस्पताल में ले जाने को कहा।
इसके बाद परिजन मरीज को कविनगर स्थित प्राइवेट अस्पताल में ले गए। वहां पर एंटीजन किट से जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई तो अस्पताल प्रबंधन ने मरीज को जिला अस्पताल ले जाने को कहा। इसके बाद परिजन रात ढाई बजे मरीज को लेकर जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचे।
परिजनों का आरोप है कि एंबुलेंस रात 2:30 बजे से सुबह 6 बजे तक एमएमजी अस्पताल के बाहर खड़ी रही और परिजन बुजुर्ग के इलाज के लिए बार-बार गिड़गिड़ाते रहे। लेकिन न तो डॉक्टरों का दिल पसीजा और न बुजुर्ग को इलाज मिला।
सुबह 6 बजे परिजनों के बार बार गिड़गिड़ाने के बाद डॉक्टर ने स्टाफ को भेजकर मरीज की स्थिति का पता किया तो पता चला कि उनकी मौत एंबुलेंस में ही हो चुकी थी।
नहीं हो सकी कंट्रोल रूम के नंबर पर बात
मृतक बुजुर्ग के बड़े बेटे ने बताया कि एमएमजी अस्पताल पहुंचने के बाद कई बार कंट्रोल रूम का नंबर मिलाया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी। बुजुर्ग की मौत के बाद इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टर ने कंट्रोल रूम में फोनकर पीपीई किट मंगाई। इसके बाद परिजनों को किट देकर एंबुलेंस से शव को हिंडन स्थित श्मशान घाट भेज दिया।
अंतिम संस्कार के समय भी नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
परिजनों का आरोप है कि काफी देर तक श्मशान घाट पर शव को रखकर इंतजार करते रहे लेकिन जब कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो उन्होंने स्वयं बुजुर्ग का अंतिम संस्कार किया। कोविड प्रोटोकाल के नियमानुसार प्रशासन की तरफ से नामित मजिस्ट्रेट व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से नामित अधिकारी की मौजूदगी में कोविड संक्रमित का अंतिम संस्कार किया जाता है।
पहले भी इलाज न मिलने से हो चुकी है मौत
8 जून : खोड़ा में रहने वाली एक महिला को सीने में दर्द की शिकायत पर परिजन दिल्ली के कई अस्पतालों में लेकर गए लेकिन, कहीं उपचार नहीं मिला। एमएमजी अस्पताल पहुंचने पर महिला को मेरठ रेफर किया गया लेकिन मेरठ अस्पताल पहुंचने से पहले ही महिला ने एंबुलेंस में दम तोड़ दिया।
11 जून : विजयनगर में रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग को बुखार होने पर परिजन लेकर प्राइवेट अस्पतालों में भटकते रहे, लेकिन उपचार नहीं मिल सका। जिला एमएमएमजी अस्पताल पहुंचने पर मरीज ने दम तोड़ दिया था।
बुजुर्ग प्राइवेट अस्पताल से एमएमजी अस्पताल में लाए गए थे। परिजनों ने बताया कि कोविड पाजिटिव मरीज हैं। डॉक्टर ने मौके पर जाकर देखा तो पता चला कि उनकी मौत पहले ही हो चुकी है। इसके बाद एंबुलेंस, परिजनों के लिए पीपीई किट और शव को पॉलीबैग में पैक कराकर श्मशान घाट भेजा गया था। -डा. सुनील कात्याल, प्रभारी सीएमएस, जिला एमएमजी अस्पताल
इस मामले पर अस्पताल के प्रभारी सीएमएस से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि मरीज की अस्पताल आने से पहले ही मौत हो गई थी। कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी नहीं है। – डॉ. एनके गुप्ता, सीएमओ