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मेरठ बनेगा उत्तर प्रदेश के ‘ओलंपिक मिशन’ का गेटवे

मेरठ में बन रही प्रदेश की पहली खेल यूनिवर्सिटी में छात्रों को दिया जाएगा सभी तरह के ओलम्पिक खेलों का प्रशिक्षण

ओलम्पिक खेलों के साथ-साथ मलखम्ब और कलारीपयट्टू जैसे पारम्परिक भारतीय खेलों को भी दिया जाएगा प्रोत्साहन

कुल 1000 छात्रों की क्षमता वाला होगा छात्रावास, एक बराबर यानी 500-500 होगी छात्र और छात्राओं की संख्या

स्नातक, परास्नातक डिग्री के अलावा शोध पाठ्यक्रमों में ले सकेंगे प्रवेश, डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी होंगे संचालित

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
उत्तर प्रदेश के मेरठ को प्रदेश के खेलों का हब माना जाता है। यहां से कई बड़े खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। अब मेरठ ओलम्पिक जैसे महाआयोजनों में प्रतिस्पर्द्धा के लिए प्रदेश के खिलाड़ियों का गेटवे (द्वार) बनेगा। दरअसल, प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार मेरठ में प्रदेश की पहली खेल यूनिवर्सिटी का निर्माण कर रही है। सरकार को भरोसा है कि अत्याधुनिक खेल सुविधाओं वाली इस यूनिवर्सिटी से प्रशिक्षण पाने वाले खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओ जैसे कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, विश्व कप और ओलंपिक जैसे महाआयोजनों में न सिर्फ प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगे, बल्कि मेडल जीतकर प्रदेश का नाम भी रोशन करेंगे।

मेरठ से 25 किमी दूर बन रही यूनिवर्सिटी

मेरठ से 25 किमी. दूर गंगा नगर के पास लगभग 90 एकड़ भूमि पर बन रही इस खेल यूनिवर्सिटी में सभी तरह के ओलंपिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम पर बन रहे इस विश्वविद्यालय में खेलों के साथ-साथ छात्र स्नातक, परास्नातक, डिप्लोमा और शोध भी कर सकेंगे। शिक्षण और प्रशिक्षण के अलावा छात्रों के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा। इसके लिए 25 हजार की क्षमता वाला स्टेडियम भी बनकर तैयार हो रहा है।

पारम्परिक खेलों का भी मिलेगा प्रशिक्षण

इस खेल यूनिवर्सिटी में खासतौर पर ओलंपिक खेलों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें हॉकी, वॉलीबॉल, ट्रैक एंड फील्ड, शूटिंग रेंज, जैवलिन थ्रो, भारोत्तोलन, कुश्ती समेत अन्य की अत्युधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं शुरू की जा रही हैं। अत्याधुनिक टर्फ मैदानों के साथ-साथ ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल व साइक्लिंग ट्रैक वेलोड्रोम भी होंगे। इसके साथ ही, भारत के पारम्परिक खेल जैसे मलखम्ब, कलारीपयट्टू और खो-खो आदि के प्रोत्साहन के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

25 हजार की क्षमता वाला स्टेडियम

यूनिवर्सिटी की खास बात ये है कि यहां सिर्फ शिक्षण और प्रशिक्षण ही नहीं होगा, बल्कि खेलों की विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होंगी। इसके लिए परिसर में एक वृहद स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। इस स्टेडियम में एक साथ 25 हजार से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता होगी। इस स्टेडियम में विभिन्न तरह की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इनमें जिला, मंडल, राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

खेलकूद के प्रति बढ़ेगी अभिरुचि

यूनिवर्सिटी में प्रशासनिक भवन, शैक्षिक भवन के साथ छात्रों के लिए छात्रावास और प्राध्यापकों व कर्मचारियों के लिए आवास भी होंगे। कुल एक हजार छात्र-छात्राओं के लिए यहां अलग-अलग छात्रावास होंगे। इनके खाने-पीने के लिए केंद्रीय मेस भी होगी। खेल और शैक्षिक सुविधाओं के साथ-साथ छात्रों को कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। इनमें लाइब्रेरी, आॅडीटोरियम, गेस्ट हाउस, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, हेल्थ सेंटर शामिल है। सुरक्षा के लिए पुलिस चौकी भी उपलब्ध होगी। यह परिसर अपनी तरह का एक अति विशिष्ट परिसर होगा और इससे उत्तर प्रदेश के युवाओं में खेल-कूद के प्रति अभिरुचि बढ़ेगी।

अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन

विश्वविद्यालय को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप डिजाइन किया गया है। इसका डिजाइन जलवायु केंद्रित है। इसमें नवीनीकरण ऊर्जा प्रणाली का इस्तेमाल किया है। इसकी मदद से 50 प्रतिशत ऊर्जा का संरक्षण हो सकेगा। साथ ही परिसर में बैटरी वाले वाहन की व्यवस्था रहेगी। इमारतों और स्टेडियम की छतों पर एक एमवी और सोलर पैनल लगाए गए हैं जो सोलर पार्क की शक्ल में हैं। 100 प्रतिशत वर्षा जल संचयन और सेंसर पर आधारित लाइटिंग का प्रयोग होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया आइकॉनिक प्रोजेक्ट

गौरतलब है कि शुक्रवार को मेरठ के दौरे से पहले गुरुवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ खेल यूनिवर्सिटी के विकास कार्यों की समीक्षा की और इसे आइकॉनिक प्रोजेक्ट करार देते हुए खेल यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के विकास और खेल प्रतियोगिताओं के लिए निर्माण कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री के समक्ष खेल विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों के सम्बन्ध में एक ले-आउट का प्रस्तुतिकरण किया गया। उन्होंने कहा कि खेल विश्वविद्यालय की डिजाइन उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और सम्पदा से प्रेरित हो तथा इनमें प्रदेश की कला, संस्कृति और वास्तु विशेषताओं का समावेश किया जाए।

ये हैं प्रस्तावित पाठ्यक्रम

शोध कार्यक्रम: -पीएचडी (फिलॉस्फी में डॉक्टरेट), एमफिल और पीएचडी (फिजिकल एजुकेशन)

मास्टर डिग्री: मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एमपीएड), मास्टर ऑफ आर्ट्स-खेल पत्रकारिता एवं मास मीडिया तकनीक, मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एवं स्पोर्ट्स, मास्टर ऑफ स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी

बैचलर डिग्री: बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एवं स्पोर्ट्स, बैचलर ऑफ साइंस-स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन, बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन, बैचलर ऑफ साइंस-स्पोर्ट्स कोचिंग, पीजी डिप्लोमा, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म एवं मास मीडिया तकनीक, एडवेंचर स्पोर्ट्स एडमिनिस्ट्रेशन, फिटनेस मैनेजमेंट

ये होंगे खेल-

इंडोर: वेलोड्रोम, स्विमिंग पूल, शूटिंग हाल, स्क्वाश रूम, भारोत्तोलन, बॉक्सिंग हाल, जूडो, ताइक्वांडो, कुश्ती हाल, टेबल टेनिस, जिम्नेजियम, जिम्नास्टिक, बहुद्देशीय हाल, योगा हाल, बैडमिंटन

आउटडोर: कबड्डी, बास्केटबाल, जैवलिन थ्रो, डिस्कस थ्रो, शॉटपुट, हॉकी, लान टेनिस, फुटबॉल

पारंपरिक खेल: मलख्म्ब, कलारीपयाटू, खो-खो

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