यूपी परिवहन विभाग ने संस्कृति विभाग को भेजी नामों की लिस्ट
काशी विश्वनाथ, अयोध्या धाम और गोकुल धाम के नाम से चलेंगी बसें
विंध्यवासिनी, संगम तीर्थ, गोरखधाम सेवा भी शुरू करेगा परिवहन विभाग
चंद्रशेखर आजाद, चित्तू पांडेय, भगत सिंह के नाम पर भी संचालित होंगी बसें
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश के आठ तीर्थों और 11 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम पर बस सेवाएं शुरू करने जा रही है। उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की ओर से इस संबंध में संस्कृति विभाग को प्रस्तावित नामों की सूची सौंप दी गयी है। इसमें काशी विश्वनाथ, अयोध्या धाम और गोकुल धाम सहित आठ प्रमुख तीर्थों के नाम पर बस सेवाएं शुरू करने की बात कही गयी है। इसके अलावा अमर बलिदानी मंगल पांडेय, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां सहित 11 क्रांतिकारियों के नाम पर बसें संचालित करने की बात कही गयी है।
मेरठ से बलिया तक के वीरों के नाम
आजादी के अमृत काल में प्रदेश सरकार जिन 11 अमर बलिदानी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान में बस सेवाएं शुरू करने जा रही है, उसमें क्रांतिधरा मेरठ से लेकर बागी बलिया तक के अमर वीर बलिदानियों के नाम पर बसों के नाम रखे जाने हैं।
इन क्रांतिकारियों के नाम पर होंगी बस सेवाएं
यूपी परिवहन विभाग की ओर से 1857 की क्रांति के नायक मेरठ के अमर बलिदानी कदम सिंह, मथुरा के देवी सिंह, कानपुर के तात्या टोपे, नाना सहेब, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और बलिया के मंगल पांडेय के नाम तो हैं हीं, इसके अलावा चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, भगत सिंह और बलिया के शेर चित्तू पांडेय का नाम भी शामिल है।
चौरी-चौरा और काकोरी बस सेवाएं भी होंगी शुरू
इसके अलावा परिवहन विभाग की ओर से गोरखपुर तक चलने वाली बस सेवाओं को चौरी-चौरा सेवा और काकोरी-लखनऊ तक जाने वाली बसों को काकोरी सेवा का नाम देने का प्रस्ताव है।
मथुरा से मिजार्पुर तक के तीर्थों के नाम पर होंगी बसें
यूपी परिवहन विभाग की ओर से मथुरा से लेकर मिजार्पुर तक के प्रमुख तीर्थो के नाम पर बसें संचालित करने की बात कही गयी है। इसमें वाराणसी के लिये काशी विश्वनाथ सेवा, प्रयागराज के लिये संगमतीर्थ सेवा, मिजार्पुर के लिये विंध्यवासिनी सेवा, अयोध्या के लिये अयोध्या धाम सेवा, मथुरा के लिये गोकुल धाम सेवा, वृंदावन धाम सेवा और गोवर्धन धाम सेवा तथा गोरखपुर के लिये गोरखधाम सेवा की शुरूआत करने की तैयारी है।
मिथकों को तोड़ते सीएम योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ मिथकों को तोड़ने में विश्वास रखते हैं। कभी सियासी गलियारे में नोएडा को अशुभ माना जाता था। सत्ताधारी दल का मुखिया भूलकर भी नोएडा नहीं जाना चाहता था। जबकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पहले कार्यकाल में कई बार नोएडा गये और दोबारा प्रचंड बहुमत से जीतकर यूपी की सत्ता में लौटे भी। मगर अब, बलिया के शेर के नाम से मशहूर अमर बलिदानी क्रांतिकारी चित्तू पांडेय के नाम से योगी सरकार बस सेवा शुरू करने जा रही है। जी हां, वही चित्तू पांडेय जिनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने से भी बड़े से बड़े राजनेता थर-थर कांपते हैं।
प्रतिमा पर माला पहनाने से भी डरते हैं राजनेता
क्रांतिकारी चित्तू पांडेय को लेकर भी राजनीतिक गलियारों में कई मिथक चर्चित हैं। आलम ये है कि कोई भी राजनेता उनकी प्रतिमा तक को माला पहनाने से घबराता है। कहा जाता है कि जिस भी बड़े नेता ने उन्हें सम्मान दिया उसकी या तो मौत हो गयी, या फिर वो चुनाव हार गया। मगर अब योगी आदित्यनाथ इस मिथक को भी तोड़ने जा रहे हैं।