17 शहरों में पीएम 2.5 को राष्ट्रीय औसत से नीचे लाने का है लक्ष्य
परिवेशीय वायु गुणता निगरानी तंत्र का होगा विस्तार
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वायु प्रदूषण की समस्या के स्थायी समाधान के लिए प्रदेश सरकार जल्द ही ‘स्वच्छ वायु प्रबंधन परियोजना’ की शुरूआत करने जा रही है। विगत पांच वर्षों के वायु प्रदूषण अध्ययन के अनुसार लखनऊ, कानपुर, आगरा वाराणसी, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, मुरादाबाद, नोएडा, मेरठ, फिरोजाबाद व गोरखपुर सहित करीब 17 नगरों का औसत पीएम10 और पीएम 2.5 राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
वर्ष 2019 की परिवेशीय वायु गुणवत्ता के अनुसार उत्तर प्रदेश का औसत 2.5 कंसन्ट्रेशन 61 माइक्रोग्राम/घनमीटर रहा है। अगर वर्तमान स्थिति में बदलाव न हुआ तो वर्ष 2025 तक यह 68 माइक्रोग्राम/घनमीटर तक पहुंच सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2030 तक इसे 43 माइक्रोग्राम/ घनमीटर तक लाया जाए।
सीएम की इस दूरदर्शी परियोजना के तहत शहरों में परिवेशीय वायु गुणता निगरानी तंत्र का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण होगा। परियोजना के तहत वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए उपलब्ध मल्टी सेक्टर बजट व्यवस्था का कन्वर्जेंस भी किया जाएगा। यही नहीं, ट्रांसपोर्ट सेक्टर में वायु गुणता सुधार के लिए ई-मोबिलिटी, फ्लीट उच्चीकरण और ट्रैफिक प्रबंधन की कार्यवाही आवश्यक है। वृक्षारोपण और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करने की योजना है यो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिये प्रभावी प्रयास किये जाएंगे।
परियोजना के तहत उद्योगों में क्लीन एनर्जी और बायोमास की आपूर्ति के लिए विशेष ध्यान दिया जाएगा तो अमोनिया और मीथेन के उत्सर्जन में कमी के लिए प्राकृतिक खेती और कम्प्रेस्ड बायोगैस को बढ़ावा देने की योजना भी है। प्रस्तावित परियोजना के माध्यम से कार्बन उत्सर्जन में कमी के फलस्वरूप मिलने वाली कार्बन फाइनेसिंग का लाभ भी मिल सकेगा।