Dainik Athah

योगी सरकार 2.0 में एक्शन मोड में मुख्यमंत्री: सोनभद्र के डीएम और गाजियाबाद के एसएसपी पर गिरी गाज

आईएएस और आईपीएस अफसरों के निलंबन से नौकरशाही में हड़कंप

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
योगी आदित्यनाथ ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के एक सप्ताह के भीतर ही बड़ी कार्रवाई की है। गुरूवार को सीएम की गाज एक आईएएस और आईपीएस पर गिरी। जिसके बाद यूपी की नौकरशाही में हड़कंप मच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के आरोप में सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू को निलंबित कर दिया है। वहीं कुछ देर बाद ही गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 2009 बैच के आइपीएस अधिकारी पवन कुमार पर ड्यूटी में लापरवाही और अपराध को नियंत्रित करने में विफलता के कारण निलंबित किया गया है।

योगी सरकार के दूसरे चरण में इस बार मुख्यमंत्री ने दो अफसरों को निलंबित करके संकेत दे दिया है कि वह कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। अधिकारियों को जनता का काम करना ही होगा और भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस की नीति सख्ती से लागू रहेगी।

उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के विरुद्ध जिले में खनन और अन्य निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायतें जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही थी। इसके अलावा इनके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी करप्शन करने की शिकायत की थी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान भी जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में भी उन्होंने लापरवाही बरती थी। पोस्टल बैलेट पेपर सील नहीं किया गया जिसके कारण पूरे जिले का मतदान निरस्त करने की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इस वजह से सार्वजनिक स्थल पर उसकी तस्वीरें वायरल हो गई थीं। इस मामले को विंध्याचल मंडल मीरजापुर क्षरा जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर दोबारा सील किया गया था।

जनसामान्य तथा जनप्रतिनिधियों से भी इनकी दूरी की शिकायत मिल रही थी। सरकार की तरफ से कहा गया है कि सोनभद्र जिलाधिकारी टीके शिबू के खिलाफ भ्रष्टाचारों के आरोपों की जांच विंध्याचल मंडल के कमिश्नर ने की थी। जांच में आइएएस टीके शिबू को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है। डीएम पर लगे आरोपों की जांच के लिए वाराणसी मंडल के कमिश्नर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच पूरी होने तक वह राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे। इस दौरान वह बिना किसी लिखित अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकते हैं।

इसके साथ ही गाजियाबाद के एसएसपी पवन कुमार के खिलाफ जनता से जुड़े मुद्दों पर लापरवाही बरतने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। जिसकी जांच में पवन कुमार को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया है। वह गाजियाबाद से पहले मुरादाबाद में एसएसपी थे। पवन कुमार की पहली पोस्टिंग ट्रेनिंग के दौरान एसपी सिटी आगरा के पद पर तैनात रहे थे। इसके बाद वह शामली, चित्रकूट, जौनपुर, उन्नाव, सीतापुर, सुल्तानपुर एसपी के पद पर तैनात रह चुके हैं।

आपको बता दें कि अभी कुछ दिन पहले ही गाजियाबाद के थाना मसूरी क्षेत्र में दिनदहाड़े बदमाशों ने फायरिंग करके पेट्रोल कर्मचारियों से 25 लाख रुपये की लूट की वारदात को अंजाम दिया था। घटना का वीडियो भी सामने आया था, जिसमें बदमाशों ने दिनदहाड़े फायरिंग करके लाखों रुपये लूट लिए थे। लूट के बाद क्षेत्र के व्यापारियों में दहशत का माहौल है। पेट्रोल पंप के कर्मचारी कलेक्शन का पैसा एचडीएफसी बैंक में जमा कराने के लिए गोविंदपुरम सी ब्लाक में जा रहे थे तभी पीछे से बाइक सवार तीन बदमाशों ने लूट की घटना को अंजाम दिया जिनके हाथों में हथियार भी थे। इसके अलावा जिले में अपराध लगातार बढ़ रहे है, जिन्हें रोक पाने में एसएसपी विफल साबित हो रहे थे। इसके अलावा उनकी कार्यप्रणाली को लेकर भाजपा संगठन में भी काफी नाराजगी थी और इसकी शिकायत भी मुख्यमंत्री तक विभिन्न माध्यमों से पहुंच रही थी। माना जा रहा है कि इस नाराजगी का भी एसएसपी को सामना करना पड़ा है।

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