… अब लंबे समय से जमे थानेदारों में हड़कंप
जिले में कुछ ऐसे थानेदार है जो लंबे समय से जमे है। ये चाहे किसी भी जाति के हो लेकिन अपनी जाति का लाभ उठाने में पीछे नहीं रहते। जबकि एक तो पहाड़ों से ताल्लुक रखते र्है। इनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाया। इनमें कुछ तो एक आंदोलन के नाम पर रोटियां सैंकते रहे। ऐसे लोग काम करने में फिसड्डी साबित हो रहे थे। जबकि दोषी बड़े अधिकारी बन रहे थे। ऐसे ही एक थानेदार तो ऐसे थे जो आईजी के आदेश को भी तव्वजो नहीं देते थे। लेकिन जब बड़ों पर कार्रवाई शुरू होती है तो नीचे वाले तो खुद ब खुद लाइन पर आ जाते हैं। अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में किस किस थानेदार पर गाज गिरेगी। इसके ऊपर सभी की नजर है।
…तो दूसरे दलों से आए लोग ही विरोधी लहर में सबसे पहले भागेंगे
हाल ही में गाजियाबाद में प्रदेश के दो मंत्रियों का भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किए गए। मंत्री भी शहर के लोगों की आवभगत को देख गद्गद् हो गए। लेकिन स्वागत श्रृंखला से कुछ ऐसे चेहरे नदारद रहे, जो गाजियाबाद के उन विधायकों से जुड़े हुए थे, जिनका नाम मंत्री बनने की फेहरिस्त में चल रहा था। उन्होंने स्वागत कार्यक्रमों से दूरी बनाए रखी। जब दरबारी लाल ने ऐसे ही कुछ नेताओं को टटोला तो उनका दर्द भी छलक पड़ा। दुखी मन से उन्होंने बताया कि अपनी पार्टी के विधायकों को छोड़ दूसरे दलों से आने वाले लोगों को तवज्जो देकर हाईकमान के फैसले से लोग खुश नहीं है, क्योंकि जब विरोधी लहर चलेगी तो दूसरे दलों से पार्टी में आने वाले छलिए ही सबसे पहले भागेंगे। लेकिन इस समय पार्टी को ऐसे लोग भा रहे है। अब करें तो क्या करें, हाईकमान का फैसला तो स्वीकार करना ही होगा। रही बात अपनी तो मन दुखी है, इसलिए अपने घर बैठे हैं।
….दरबारी लाल
Raagdarbari….. Darbarilal….. Raagdarbari…..