… जब व्यापारी को खुद ही जेल के गेट तक छोड़ कर आए सत्ताधारी पार्टी के नेता
चुनाव से पहले व्यापारी समेत हर वर्ग की लल्लो- चप्पो करने वाली भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनते ही रविवार को गाजियाबाद के एक व्यापारी नेता को जेल की हवा खिला दी। व्यापारी नेता को जेल जाने से बचाने के लिए भाजपा के स्थानीय और प्रदेश के नेताओं ने एड़ी चोटी का दम लगाया। यहां तक की मुकदमे के वादी माननीय से भी फोन पर संपर्क साध कर मामला निपटाने की कोशिश की गई, लेकिन माननीय ने किसी भी भाजपाई की एक न सुनी। यही नहीं गाजियाबाद के पुलिस मुखिया ने भी किसी भी भाजपा नेता से मुलाकात नहीं की। उन्हें बैरंग लौटा दिया गया। आखिरकार बेबस होकर सत्ताधारी नेताओं को ही व्यापारी नेता को जेल के गेट तक छोड़ कर आना पड़ा और अपनी सरकार होने का दावा करने वाले स्थानीय नेता की सारी ताकत माननीय के सामने ठुस्स हो गई।
…तो नेता जी ने टालम टोली का रवैया अपनाए रखा
भाजपा के लिए बढ़-चढ़कर चुनाव प्रचार में भाग लेने वाले और समय-समय पर सहयोग करने वाले व्यापारियों ने जब एमएलसी के दबाव मे पुलिस पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही का आरोप लगाते हुए प्रेस वार्ता की तो ऐसे में भाजपा से जुड़े अनेकों व्यापारी इस प्रेस वार्ता में दिखाई दिए। हालांकि जिसके खिलाफ कार्रवाई हुई है वह नेता भी भाजपा के पदाधिकारी हैं। प्रेस वार्ता को संबोधित करने के लिए प्रदेश के एक बड़े पदाधिकारी को आना था जिसके इंतजार में आधे घंटे से अधिक पत्रकारों को इंतजार कराया गया, साथ ही बार-बार बताया गया कि पहुंचने वाले हैं। किंतु जब यह व्यापारी संगठन के प्रदेश स्तर के नेता प्रेस वार्ता में नहीं पहुंचे तो बिना नेता जी के ही प्रेस वार्ता को शुरू किया गया। बताया जा रहा था नेताजी कहीं रास्ते में फंस गए हैं हालांकि सूत्र कहते हैं कि व्यापारी नेता भाजपा के किसी बड़े जनप्रतिनिधि या पदाधिकारी के बुरा नहीं बनना चाहते शायद इसीलिए टालम टोली का रवैया अपनाया गया।