छात्र-छात्राओं से वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने का आहवान
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण चौधरी ने किया उड़ान 2022 का शुभारंभ
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र, गाज़ियाबाद द्वारा विज्ञान लोकप्रियकरण एवं संचार कार्यक्रम के अन्तर्गत विज्ञान पार्क, डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी पार्क, कविनगर इण्डस्टीयल एरिया, गाज़ियाबाद में तीन दिवसीय ‘उड़ान-2022: जनपद स्तरीय विज्ञान महोत्सव’ का आज उद्घाटन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, गाज़ियाबाद ब्रजभूषण चौधरी ने किया।
अपने उदबोधन में चौधरी ने छात्र व छात्राओं को वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने के लिए कहा। शिक्षक, अभिभावक व समाज थोड़ा सा भी समर्पित व रचनात्मक दायित्व के बोध से युक्त हों तो अल्प संसाधनों के बावजूद जिज्ञासू विद्यार्थी काफी कुछ हासिल कर सकता है। यह तभी संभव है कि जब विद्यार्थियों को उनके दैनिक जीवन, क्रियाकलापों में छिपे विज्ञान के सिद्धान्त, प्रयोग, उपयोग व महत्व को जानने की जिज्ञासा व सोच उत्पन्न करने के लिए शुरू से ही उत्प्रेरित किया जाये। विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने और उसे बनाए रखने के लिए आवश्यक है कि उन्हें अपनी सोच को प्रदर्शित करने का अवसर मिले तथा प्रोत्साहन व मार्गदर्शन जैसी आवश्यक न्यूनतम सुविधायें उपलब्ध कराया जा सके, ताकि वह अपनी जिज्ञासा को शांत कर सके और अपनी सहज रुचियों व अभिरुचियों को विकसित कर समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहभागी बन सकें।
कार्यक्रम में जिला समन्वयक, बालिका शिक्षा गौरव त्यागी ने कहा कि विज्ञान शिक्षा का लक्ष्य विद्यार्थियों की आन्तरिक क्षमता का विकास उनमें अर्न्तनिहित सम्भावनाओं, अभिव्यक्ति उनकी सृजनता के विकास के साथ-साथ उनका समग्र विकास होता है। विज्ञान शिक्षा में स्मृति, इस्तकाशल, पर्यवेक्षण, अवलोकन, निरीक्षण व स्वतन्त्र चिन्तन तथा स्वस्थ्य वातावरण का अवसर दिया जाना आवश्यक है। विज्ञान के प्रति रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को अपने परिवेश एवं पर्यावरण के प्रति सजगता ही नहीं बल्कि उनके साथ सहभागिता व कर्तव्य बोध का अभ्यास भी जरूरी है।
डॉ० सुरेश चन्द्र शर्मा, वैज्ञानिक अधिकारी, गाज़ियाबाद ने इस मौके पर कहा कि समाज में विद्यार्थियों को सर्वाधिक अमूल्य परिसम्पत्ति माना गया है। उनके सर्वागीण विकास हेतु केन्द्रीय व राज्य स्तर पर अनेक कार्यक्रम / योजनाएं चलाई जा रही है। छात्र छात्राएं जिस वातावरण में रह रहे हो या पढ़ रहे हैं, वह उच्च कोटि का हो जिससे उनका समुचित विकास हो सके तथा भविष्य में अच्छे नागरिक बन सकें। विद्यार्थियों के आरम्भिक अवस्था में होने वाले परिवर्तन, उसकी बाद की परिपक्च अवस्था में निर्णायक सिद्ध होते हैं। अतः युवा अवस्था के पूर्व विद्यार्थियों को दी गयी शिक्षा, ज्ञान व मार्गदर्शन प्रेरणा तथा उपलब्ध करायी सुविधाएं यदि वैज्ञानिक सोच व दृष्टिकोण पर ही केन्द्रित हो तो निःसन्देह विद्यार्थी के आत्मनिर्भर जीवन के विकास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।
कार्यक्रम के प्रथम दिन विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता, वैज्ञानिक पोस्टर प्रतियोगिता एवं विज्ञान लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें 35 विद्यालयों के 300 से अधिक विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। द्वितीय दिन विज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता एवं विज्ञान कार्टून प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। कार्यक्रम के अन्तिम दिन वैज्ञानिक भाषण एवं विज्ञान नाटक प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।
कार्यक्रम में प्रमोद मिश्रा ने चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या श्री मतीन अंसारी ने विज्ञान और गणित खेल-खेल में, श्री मनोज कुमार ने तोड़-फोड़- जोड़ एवं अंजली ढाका ने खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच का प्रदर्शन किया। इस मौके पर पूनम शर्मा, विनिता त्यागी, वानी शर्मा, आरती, लता, सलीम, राजेश कुमार, शलभ शर्मा, विकेन्द्र चौधरी आदि ने सहयोग किया।