नाहल, निडोरी, मुस्तफाबाद और शहीदनगर में किया गया संवेदीकरण
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण बड़ा जरूरी है। बच्चे के जन्म के साथ ही उसे प्रतिरक्षण की जरूरत होती है। दरअसल टीकाकरण बच्चे के रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत बनाता है, जिससे उसे विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया सुरक्षा चक्र को मजबूत करने के लिए छूटे बच्चों का टीकाकरण पूरा करने के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष (आईएमआई) जैसा विशेष टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। आईएमआई-4.0 के पहले चरण में जनपद के 54 चिकित्सा केंद्रों पर रोजाना शून्य से दो वर्ष तक के उन बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं, जो नियमित टीकाकरण कराने में चूक गए या फिर किन्हीं कारणों से टीकाकरण बीच में ही छूट गया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डा. नीरज अग्रवाल ने बताया यही सब बातें बताने के लिए स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ की टीम घर-घर जा रही हैं। यूनिसेफ के डीएमसी मोहम्मद शादाब ने बताया- टीकाकरण कवरेज के हिसाब से एक कम्युनिकेशन प्लान तैयार किया गया है। प्लान में उन क्षेत्रों पर विशेष फोकस की योजना है जहां नियमित टीकाकरण कम हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में घर-घर जाकर टीकाकरण के बारे में जानकारी दी जा रही है। टीकाकरण के लाभ बताए जा रहे हैं और टीकाकरण से वंचित बच्चों के परिवार वालों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। डासना ब्लॉक के नाहल गांव में खुद डीएमसी मोहम्मद शादाब ने कई परिवारों में जाकर टीकाकरण के बारे में विस्तार से चर्चा की और छोटे बच्चों के माता-पिता को स्वास्थ्य विभाग की ओर से कराए जा रहे निशुल्क टीकाकरण का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने बताया ‘जहां जरूरत होती है हम ग्राम प्रधान के माध्यम से भी लोगों को यह समझाने का प्रयास करते हैं कि बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है।’ डासना ब्लॉक के ही निडोरी गांव में बीएमसी शहजाद ने ग्राम प्रधान शेखावत अली को साथ लेकर ऐसे परिवारों से बात की जिन परिवारों के बच्चे टीकाकरण से वंचित हैं। इन परिवारों से टीकाकरण कराने का आश्वासन भी मिला है।
दूसरी ओर लोनी की मुस्तफाबाद कालोनी में बीएमसी जफर ने मदर्स मीटिंग के जरिए टीकाकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मीटिंग में उन माताओं को शामिल किया गया था जिनके दो वर्ष से छोटे बच्चे हैं। महिलाओं को बताया गया कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर 14 मार्च तक रोजाना बच्चों को निशुल्क टीके लगाए जा रहे हैं। सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस निशुल्क सुविधा का लाभ उठाते हुए बच्चों का भविष्य सुरक्षित करें और मां होने का फर्ज निभाएं। शहीदनगर में बीएमसी संगीता ने चिन्हित घरों में जाकर महिलाओं से बात की और उन्हें अपने बच्चों का टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही गर्भवती को टीडी यानी टिटनेस-डिप्थीरिया का टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया गया।
शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को लगने वाले टीके
सघन मिशन इंद्रधनुष अभियान में शून्य से दो वर्ष तक के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी, मिजल्स, विटाविन.ए, डीपीटी बूस्टर डोज, मिजल्स बूस्टर डोज और बूस्टर ओपीवी, पीसीवी के टीके लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा अभियान में गर्भवती महिलाओं को टीडी (टिटनेस डिप्थीरिया) का टीका लगाया जा रहा है।