अथाह ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सोमवार को विधानसभा चुनावों के अंतिम चरण का चुनाव है। सातवें चरण के चुनाव में सुशासन, राष्ट्रवाद और विकास एक अहम मुद्दा है। साल 2017 के बाद यूपी को बीमारू राज्य के दर्जे से योगी सरकार ने छुटकारा दिलाया जो इस सरकार की बड़ी कामयाबी है। ये बातें राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ विशेष गुप्ता ने कहीं। उन्होंने कहा कि इस बार लोगों ने सुशासन, विकास और राष्ट्रवाद के मुद्दों पर अपना मतदान किया।
उत्तर प्रदेश की चिकित्सा सुविधाओं के लिए आजादी के अमृत महोत्सव संजीवनी बना। आजादी के बाद आबादी के लिहाज से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं सबसे बड़ा मुद्दा हुआ करता था। उत्तर प्रदेश में 46 अस्पताल मात्र 2 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे। लेकिन पिछले 5 सालों में योगी सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में जान फूंकते हुए न सिर्फ चिकित्सीय सेवाओं में इजाफा किया बल्कि चिकित्सा शिक्षा पर भी विशेष तौर पर काम किया।
सदी की सबसे बड़ी महामारी को कोरोना में जान भी जहान भी के मूल मंत्र पर काम करते हुए 2 सालों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बूस्टर डोज देने का काम प्रदेश सरकार ने किया। जिसका परिणाम है कि आज शहर से लेकर गांव तक स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ीं हैं। बड़े शहरों में रेफर केस में कमी, सीएचसी पीएचसी का कायाकल्प, बड़े अस्पतालों में नए संसाधनों के साथ इलाज, वन डिस्ट्रिक वन मेडिकल कॉलेज के साथ वन डिस्ट्रिक वन लैब की नीति पर तेजी से काम किया जा रहा है। वर्तमान में केजीएमयू, संजय गांधी पीजीआई लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों के साथ-साथ प्रदेश में 59 राजकीय मेडिकल कॉलेज हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर और रायबरेली में हैं।
सपा के कार्यकाल में महिलाओं पर हुआ अत्याचार- डॉ विशेष गुप्ता
प्रदेश में समाजवादी पार्टी जब सत्ता में थी तो छेड़खानी, महिला अपराध, महिलाओं व बेटियों का शोषण चरम पर था महिलाओं की सम्सयाओं की कोई सुनवाई नहीं थी। माफिया और अपराधियों के हौसले बुलंद थे जिसके कारण महिलाएं रात में सड़कों पर निडर होकर नहीं निकल पाती थी। पर जब साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनी तो प्रदेश में सबसे ज्यादा महिलाओं के उत्थान, रोजगार, सुरक्षा और उनके सम्मान पर काम हुआ। आज विधानसभा चुनावों में महिलाओं और बेटियों ने अपना पूरा विश्वास बीजेपी पर जताया है।