यूक्रेन से लौटे बच्चे बोले, “मोदी है तो मुमकिन है”
यूक्रेन संकट पर भारत में राजनीति करने वाले नहीं चाहते बच्चों की सुरक्षित वापसी: सीएम योगी
अब तक 1400 बच्चों की हो चुकी है सुरक्षित प्रदेश वापसी
सीएम से मिले यूक्रेन से लौटे छात्र, कहा, विदेशी साथियों ने कहा, गर्व करो कि मोदी जी हैं तुम्हारे प्रधानमंत्री हैं
अथाह ब्यूरो
लखनऊ। यूक्रेन से सुरक्षित वापस लौटे उत्तर प्रदेश के बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया है। रविवार को सीएम आवास पर मुख्यमंत्री से भेंट करते हुए बच्चों ने कहा कि देश से 6000 किलोमीटर दूर परदेस में युद्ध के बीच अपने लोगों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार जैसा प्रयास कर रही है, उसने दूसरे देशों के साथी छात्रों को भी मोदी सरकार का कायल बना दिया है। रोमानिया और हंगरी बॉर्डर तो केवल भारतीयों के लिए खुल रहे हैं। वहां यह समझ आया कि “मोदी है तो मुमकिन है”। वहीं मुख्यमंत्री योगी ने ‘ऑपरेशन गंगा’ की सफलता को ऐतिहासिक करार देते हुए यूक्रेन-रूस युद्ध के बहाने देश में राजनीति कर रहे लोगों की निंदा की है। सीएम ने कहा है कि ऐसे समय में जबकि हमारे बच्चों की सकुशक वापसी पूरे देश की शीर्ष प्राथमिकता है, तब भी कुछ लोग गन्दी राजनीति से बाज नहीं आ रहे। यह लोग नहीं चाहते कि हमारे बच्चों की सुरक्षित वापसी हो। सीएम ने अभिभावकों को ऐसे लोगों से सावधान रहते हुए धैर्य बनाये रखने की अपील भी की है।
युद्धग्रस्त क्षेत्र से लौटे बच्चों ने सीएम योगी को बताया कि बॉर्डर पार करते समय अन्य देश के बच्चे भी साथ थे। जब उन्हें पता चला कि भारत सरकार ने हमारी वापसी के लिए पूरा इंतज़ाम किया है, हमें कोई खर्च नहीं करना होगा तो विदेशी छात्रों ने कहा कि गर्व करो कि तुम उस देश के हो जहां की सरकार तुम्हारे बारे में इतना सोचती है। तब हमें लगा की देश में सशक्त सरकार कितनी जरूरी है। बच्चों ने युद्ध शुरू होने से पूर्व भारतीय दूतावास से जारी एडवाइजरी, बंकर में बिताए दिन के हालात की चर्चा करते हुए घर लौटने तक का पूरा वृत्तांत सुनाया। छात्रों ने बताया कि एक ओर उनसे केंद्र सरकार के मंत्री, अधिकारी, दूतावास के अधिकारी सम्पर्क में थे, तो यहां यूपी में घर पर लेखपाल से लेकर जिलाधिकारी तक माता-पिता से लगातार संवाद में थे। ऐसे में मानसिक साहस भी बढ़ा। बच्चों ने दिल्ली में उत्तर प्रदेश भवन में रुकने और फिर घर तक सरकारी वाहन से पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी जताया।
मोदी जी के निजी संबंधों से सुनिश्चित हो रही वापसी:
छात्रों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का कमाल है कि हंगरी, पोलैंड और रोमानिया सहित विभिन्न राष्ट्राध्यक्षों से घनिष्ठ संबंध हैं। विगत दिनों अफगानिस्तान संकट हो या आज यूक्रेन का, हर भारतीय की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। सीएम ने कहा कि संवेदनशील सरकार की यही पहचान कि वह नागरिकों के सुख-दुःख में साथ खड़ी रहती है। यह 135 करोड़ भारतीयों का सौभाग्य है कि मोदी जी उनके प्रधानमंत्री हैं। अब तक कुल 2397 छात्रों में से 1400 की वापसी हो चुकी है, शेष के लिए भी प्रक्रिया चल रही है।
पिछली सरकारों ने मेडिकल शिक्षा पर ध्यान दिया होता तो बच्चे नहीं होते परेशान:
बच्चों और अभिभावकों से भेंट करते हुए सीएम ने प्रदेश में दशकों तक बदहाल रहे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की कहानी भी साझा की। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से 2017 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे। अगर पहले ही इस ओर ध्यान दिया गया होता तो इन बच्चों को यूक्रेन नहीं जाना पड़ता। सीएम ने बताया कि आज 05 साल के भीतर डबल इंजन की भाजपा सरकार ने 33 नए मेडिकल कॉलेज बनवाए हैं। रूस, यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई का खर्चा जहां 40 लाख है वहीं यूएस और यूके में लगभग 02 करोड़ है। इसीलिए आपकी सरकार राजकीय मेडिकल कॉलेज बनवा रही है, जहां 04-05 लाख रुपये के शुल्क में मेडिकल की पढ़ाई हो जाती है।गरीब का बच्चा भी पढ़ सकता है। मुख्यमंत्री ने बच्चों से यूक्रेन के मेडिकल कॉलेजों में अवस्थापना सुविधाओं, पाठ्यक्रम, सेशन आदि के बारे में भी जानकारी ली।
सीएम से मिले बच्चे, बोले मोदी-योगी हैं तो सब मुमकिन है
- प्रज्ज्वल वर्मा, बाराबंकी:- मैं खारकीव में था। इंडियन एम्बेसी ने बहुत मदद की। जनरल वीके सिंह सर लगातार संपर्क में रहे। हम लोगों को पहले पोलैंड में होटल में ठहराया गया। फिर 03 मार्च को फ्लाइट से वापस आए। हमारा एक भी रूपया खर्च नहीं हुआ।
- आकांक्षा चौरसिया, लखनऊ:- मैं वेनेसा में थी। वहां सीरियस इशू नहीं थे। शुरुआत में थोड़ी असुविधा हुई डर भी लगा। लेकिन दूतावास के अधिकारियों से बातचीत होती थी। मैं रोमानिया बॉर्डर पहुंची, वहां सब लोग मौजूद थे। भोजन, होटल, कपड़े सब सरकार ने दिया। मुंबई लाया गया फिर योगी जी ने घर तक पहुँचाया।
- आयुष्मान, कानपुर देहात:– सौभाग्यशाली हूं कि मोदी और योगी जी हमारी चिंता करते हैं। मैंने एम्बेसी की एडवाइजरी को गंभीरता से लिया और 23 फरवरी को ही लौट आया। तब अंतिम फ्लाइट थी। फिर तो सब बंद हो गया। युद्ध शुरू हो गया।
- चाहत कपूर, कानपुर:– देश से 6000 किलोमीटर दूर थे, डर कग रहा था। सब लोग परेशान थे। लेकिन प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से हम लौट सके। पीएम को हमारा धन्यवाद। मैंने हंगरी बॉर्डर पार किया, वहां पर कई देश के बच्चे थे। सबने बताया वो लोग अपने खर्चे पर जा रहे हैं, मैंने बताया कि हमारी सरकार ने इवैक्युकेशन प्लान तैयार किया है। हमसे कुछ नहीं लिया जा रहा। यह सुनकर सबने कहा कि आप लकी हैं कि आपके यहाँ ऐसी सरकार है।
- शिवांजलि गुप्ता, गोरखपुर:- उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन सरकार ने हौसला बढ़ाया। भारत तो वापस लाये ही सीएम योगी सर ने दिल्ली में यूपी भवन में रुकने की व्यवस्था दी। इनोवा गाड़ी से घर तक छोड़ा। बहुत आभार।
- शिखर गुप्ता, गोंडा:- खारकीव में 05 दिन बंकर में रहा। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत जरूर हुई लेकिन दूतावास से संपर्क बनाए रखा। एक बार बॉर्डर पार किया फिर तो हमारे अधिकारी-मंत्री सब हमारे सामने थे। मेंटली सपोर्ट बहुत मिला।
- जय सक्सेना, हरदोई:– वहां सिचुएशन खराब थी। रोमैनिया बॉर्डर क्रॉस करने तक भर की दिक्कत थी। लेकिन सरकार ने पूरी व्यवस्था कर रखी थी। कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई। बस हमारी पढ़ाई पूरी होने का प्रबंध हो तो और अच्छा है।
- शिवेंद्र प्रताप सिंह, बहराइच:- मैं तो कीव में ही था। वहां बहुत खतरा था। लेकिन हमें खुशी है कि हमने मोदी जी और योगी जी को अपना अभिभावक बनाया है। सच कहूं तो सुखद यात्रा रही। अविस्मरणीय तो है ही। यूक्रेन में एहसास हुआ कि मोदी और योगी हैं तो मुमकिन है।