अथाह संवाददाता
हापुड़ । रेलवे रोड स्थित मारवाड़ इंटर कालेज में प्रधानाचार्य द्वारा विद्यार्थियों के बाल काटने का मामला चर्चा का विषय बना हैं। अभिभावकों ने प्रधानाचार्य के इस कृत्य की निंदा की है और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से शिकायत की गई है। हालांकि प्रधानाचार्य का कहना है कि उनकी मंशा विद्यार्थियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाने की थी। कई बार विद्यार्थियों को बाल छोटे करने के संबंध में चेतावनी भी दी गई थी।
मामला 28 फरवरी का है।
मारवाड़ इंटर कालेज में प्रार्थना के बाद लगभग बीस बच्चों को रोक लिया गया। जिनमें कई विद्यार्थियों के बाल कंधे तक पहुंच रहे थे। कई बच्चे विभिन्न तरह के बाल बनाए हुए थे। इन विद्यार्थियों के बाल प्रधानाचार्य ने सहयोगी शिक्षकों के साथ मिलकर काटें। विद्यार्थियों ने बाल काटने की शिकायत अपने अभिभावकों से की। जिस पर अभिभावकों ने विरोध जताया। हालांकि एक मार्च को महाशिवरात्रि होने के कारण स्कूल बंद था। इसके चलते दो मार्च को अभिभावक कालेज में पहुंचे और प्रधानाचार्य से शिकायत की।
प्रधानाचार्य ने अभिभावकों को शांत किया और शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बाल काटने के कृत्य को सही ठहराया। अभिभावकों ने इस बावत शिक्षा के विभाग के उच्चाधिकारियों से शिकायत की है। मामले में प्रधानाचार्य राजेश सिंह का कहना है कि बाल काटने के पीछे उनकी मंशा कोई गलत नहीं थी। स्कूल का अनुशासन बनाने के लिए विद्यार्थियों को लंबे बाल नहीं रखने के प्रति चेतावनी दी गई थी। बावजूद इसके कुछ बच्चे नहीं मानें इसके चलते उनके बाल काटे गए हैं।
जिला विद्यालय निरीक्षक निशा अस्थाना का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। प्रधानाचार्य ने छात्रों को लंबे बाल कटवाने के लिए कई चेतावनी दी थी। मगर, छात्रों पर इस चेतावनी का कोई फर्क नहीं पड़ा था। स्कूल में अनुशासन बनाने के लिए यह कार्य किया गया है।