Dainik Athah

जब तक एक भी छात्र शेष रहेगा तब तक भारत नहीं लौटूंगा: जनरल वीके सिंह

यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने में बड़ी भूमिका निभा रहे केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह

एक दिन में पौलेंड सीमा से 670 छात्रों को किया स्वदेश रवाना

सेवानिवृत जनरल ने होटल पहुंचकर छात्रों का बढ़ाया उत्साह, लगे भारत माता की जय के नारे

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
गाजियाबाद से दूसरी बार के सांसद, केंद्र सरकार में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री के साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्यमंत्री सेवा निवृत जनरल वीके सिंह वीके सिंह रुस- यूक्रेन युद्ध के चलते यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए वरदान के रूप में यूक्रेन- पौलेंड सीमा पर पहुंचे हैं। सैकड़ों छात्रों को स्वदेश रवाना करने के साथ ही उन्होंने अपना इरादा जाहिर करते हुए कहा कि जब तक एक भी छात्र शेष रहेगा वे भारत वापस नहीं लौटेंगे।जनरल वीके सिंह के साथ उनके सहयोगी कुलदीप सिंह चौहान भी पौलेंड में मौजूद है। 

बता दें कि रुस- यूक्रेन युद्ध के चलते भारत के हजारों छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इन छात्रों की सकुशल वतन वापसी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहल करते हुए चार केंद्रीय मंत्रियों ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप सिंह पुरी, किरन रिजिजू एवं जनरल वीके सिंह को यूक्रेन की सीमा से लगे विभिन्न देशों के लिए रवाना किया है। इसी क्रम में जनरल वीके सिंह को पौलेंड भेजा गया है।

जनरल वीके सिंह ने पौलेंड के बुडोमिराज शहर पहुंचने के साथ ही वहां मौजूद राजदूत नगमा को साथ लेकर अपना मिशन गंगा शुरू कर दिया। उन्होंने यूक्रेन- पौलेंड सीमा का दौरा कर वहां मौजूद पुलिस एवं सैन्य अधिकारियों से बात कर भारतीय छात्रों को पौलेंड में दाखिल होने का रास्ता साफ करवाया। बता दें कि दोनों देशों की सीमा पर भारी भीड़ के साथ ही कई किलो मीटर लंबे जाम की स्थिति है। इसके बाद वे यूक्रेन से आये छात्रों से पौलेंड बार्डर पर स्थित होटल पहुंंचे। उन्होंने छात्रों को खाद्य सामग्री वितरित करने के साथ ही उनका हौंसला बढ़ाया। उन्होंने छात्रों से कहा कि भारत सरकार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भेजा है। अब छात्रों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जायेगी।

छात्रों की पढ़ाई भारत सरकार करवायेगी पूरी कहते ही लगे भारत माता की जय के नारे
जनरल वीके सिंह ने होटल में मौजूद सैकड़ों छात्रों से कहा कि वे किसी प्रकार की चिंता न करें। उनके माता- पिता उनका इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छात्र चिंतित है कि पैसा व समय खर्च हो गया, अब उनकी आगे की पढ़ाई का क्या होगा। लेकिन वे चिंता न करें। भारत सरकार उनकी पढ़ाई की चिंता करेगी तथा उनका एमबीबीएस पूरा करायेगी। यह सुनते ही छात्रों ने भारत माता की जय के नारे लगाने शुरू कर दिये।

यूक्रेन बार्डर से बसों से लाये गये छात्र
यूक्रेन बार्डर पर फंसे छात्रों को लेने के लिए स्वयं जनरल वीके सिंह दोनों देशों की सीमा पर गये। वहां छात्रों को पौलेंड सीमा में दाखिल होने पर परेशानी थी। लेकिन उन्होंने दोनों देशों के पुलिस व सैन्य अधिकारियों से बात कर भारतीय छात्रों के पौलेंड सीमा में दाखिल होने का रास्ता साफ करवाया। इसके बाद वे बसों में जाकर भी भारतीय छात्रों से मिले तथा उनकी हिम्मत बढ़ाने का काम किया। छात्रों को खाद्य पदार्थ भी वितरित किये गये।

1107 छात्रों को भारत के लिए कर चुके हैं रवाना
जनरल वीके सिंह पौलेंड पहुंचने के बाद समाचार लिखे जाने तक 1107 छात्रों को भारत के लिए रवाना कर चुके हैं। इनमें 437 छात्र मंगलवार एवं 670 को बुधवार को एक भारतीय वायु सेना एवं दो इंडिगो की उड़ानों के जरिये रवाना कर चुके हैं। पौलेंड बार्डर पर अभी सात सौ से ज्यादा छात्र होटल एवं आसपास के क्षेत्रों में है। अभी अन्य छात्रों के पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है।

छात्रों ने कहा यूक्रेन में लोग कर रहे हैं मदद
जब जनरल वीके सिंह ने छात्रों से पूछा कि क्या यूक्रेन में लोग परेशान कर रहे हैं अथवा मदद कर रहे हैं। इस पर छात्रों ने जवाब दिया कि यूक्रेन के लोगों ने उनकी बहुत मदद की है।

2015 में यमन से भी भारतीयों को लाये थे सुरक्षित वापस
जनरल वीके सिंह 2015 में यमन से भी भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने में कामयाब हुए थे। फौजी अफसर होने के कारण उन्हें युद्ध की परिस्थितियों की भी भली भांति जानकारी है।

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