Dainik Athah

राग दरबारी

तीन साल विरोध का क्या फायदा जब वोट …

गाजियाबाद शहर विधानसभा क्षेत्र मतदान के दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद चर्चा में है। रविवार को दरबारी लाल एक नेताजी के यहां शोक व्यक्त करने गये थे। वहां पर हर दल से जुड़े लोग मौजूद थे। जब सभी राजनीति से जुड़े लोग है तो चुनावी चर्चा होनी भी आवश्यक है। इसी बीच सत्तारूढ़ पार्टी के प्रत्याशी को लेकर चर्चा शुरू हो गई। एक नेताजी ने प्रत्याशी के विरोध की बात कही। इस पर फूल वाली पार्टी के वरिष्ठ पार्षद महोदय कहने लगे ऐसा विरोध किस काम का जब तीन साल से विरोध कर रहे थे, लेकिन वोट देने की बात आई तो बटन फूल का ही दबाया। यह सुनकर विरोधी दलों के नेताओं के मुंह से निकला इस पार्टी में विरोध के बावजूद समर्थक वोट फूल को ही देता है यह बात तो सोलह आने सही है।

…जब रिश्वत देकर मेंबर साहब ने जीडीए से छुड़ाई अपनी जान

गाजियाबाद में विकास का जिम्मा उठाने वाले प्राधिकरण की छवि लोगों की नजर में अच्छी नहीं है। इसका आभास शुक्रवार को दरबारी लाल को उस समय हुआ, जब एक नेता के पास पहुंचे कुछ लोगों ने अपना दुखड़ा रोया। दरअसल नगर निगम में शहर क्षेत्र के एक मेंबर साहब अपने मकान के ऊपर एक फ्लोर बनवा रहे है। उन्होंने इसके लिए नक्शा भी पास नहीं कराया है। ऐसे में आसपास के लोगों को गैरकानूनी तरीके से बन रहे फ्लोर को देखकर पेट में दर्द होना स्वाभाविक था, इसलिए उन्होंने भी मेंबर साहब की कंप्लेंट जीडीए में ठोंक दी। लेकिन जैसा कि पूरे गाजियाबाद में होता आया है कि सुविधा शुल्क के दम पर इमारतें खड़ी हो गई है, वैसा यहां भी हुआ। टीम मेंबर साहब के घर पहुंची और सेवा लेकर हरी झंड़ी देकर चली गई और निर्माण का काम बदस्तूर जारी है। हां, इतना जरूर हुआ कि मेंबर साहब जिस दो नंबर के तरीके से पैसा कमा रहे है, अपना काम जारी रखने के लिए उन्हें भी रिश्वतखोरी का सहारा लेना पड़ा।

दरबारी लाल…..

Raag Darbari

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