Dainik Athah

राग दरबारी

… आखिर इनका धर्म तो पूरा हो रहा है

प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। इस दौरान दूसरे जिलों में विभिन्न पार्टी के कार्यकर्ता चुनाव लड़वाने के लिए जा रहे हैं। गाजियाबाद में प्रथम चरण का चुनाव खत्म होने के बाद पार्टियों ने अपने कार्यकतार्ओं और नेताओं को अन्य जिलों में भेजा भी है। किंतु देश की सबसे बड़ी पार्टी के कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनकी भले ही संगठन ने प्रवासी के तौर पर अन्य किसी विधानसभा में जिम्मेदारी ना दी हो, फिर भी एक नहीं अनेकों विधानसभा में गाजियाबाद के कुछ कार्यकर्ता भ्रमण कर रहे हैं। कुछ नेता ऐसे भी हैं जो गोरखपुर और वाराणसी तथा अन्य प्रमुख सीटों पर बिन बुलाए मेहमान की तरह पहुंच रहे हैं तथा एक से दो दिन एक विधानसभा में रहते हैं फिर अगली विधानसभा के भ्रमण पर निकल जाते हैं। जिसका पता सोशल मीडिया तथा फेसबुक से लग रहा है। अब संगठन ने भले ही ना भेजा हो किंतु निष्ठा और पार्टी के प्रति समर्थन दिखाते हुए अपनी उपलब्धियों की सूची भी तो तैयार करनी है। वहीं दूसरी ओर ऐसे एक-दो दिन के भ्रमण करने आए कार्यकतार्ओं से प्रत्याशी और वहां का संगठन भले ही परेशान हो पर कार्यकतार्ओं का पार्टी के प्रति धर्म तो पूरा हो ही रहा है।

…जब शहर की प्रथम नागरिक को पार्षद लगने लगा दुष्ट

वैसे तो राजनीति में ना कोई दोस्त होता है और ना कोई दुश्मन। लेकिन फूल वाली पार्टी में ही कार्यकर्ता सत्तासीन नेताओं की आंख की किरकिरी बने हुए हैं। गुरुवार को ऐसा ही एक वाकया दरबारी लाल के सामने आया, जब शहर के एक मनोनीत पार्षद के यहां भंडारे में तमाम नेता मौजूद हुए। इसी बीच शहर की प्रथम नागरिक भी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए पहुंची, लेकिन कवि नगर जोन के एक पार्षद को देखते ही उनकी भौंहे चढ़ गई और अपनी खिसियाहट में उन्होंने पार्षद महोदय को दुष्ट की संज्ञा दे दी। दरअसल कविनगर जोन के पार्षद महोदय द्वारा हाईकोर्ट में कई मामलों को लेकर नगर निगम की फजीहत कर रखी है, जिससे नगर निगम के अधिकारी भी उनसे खासे खफा है, तो शहर की प्रथम नागरिक कैसे खुश रह सकती है, आखिर वह भी तो उसी का हिस्सा है।
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…..दरबारी लाल

Raag darbari

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