Dainik Athah

भइया जी की नैया कैसे लगे पार जब वक्त आने पर अपने ही बन गये ‘जयचंद’

सपा में भी भीतरघातियों ने दिखाया पूरा दम

साइकिल वाली पार्टी में मलाई खाने वाले वक्त आने पर साइकिल पंचर करने में लग गये

मतगणना के बाद समीक्षा में खुलेगी जयचंदों की पोल

एकत्र किया जा रहा जयचंदों का रिकार्ड

अशोक ओझा
गाजियाबाद।
जब भी कोई चुनाव आते हैं उसमें अधिकांश प्रत्याशियों को ‘जयचंदों’ की भीतरघात का सामना करना पड़ता है। लेकिन भीतरघात करने वाले यह नहीं सोचते की उनका नेता अकेला ही भाजपा की पूरी सेना से टक्कर ले रहा है। ऐसे लोगों की निष्ठा पर अब पार्टी के ही लोग सवालिया निशान लगाने लगे हैं। भीतरघात करने वाले भी ऐसे जिनके पास पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। ऐसे लोग भी है जिन्होंने सपा के राज में खूब मलाई चाटी है।

गाजियाबाद जिले में पहले चरण में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गये। यदि इन चुनावों की बात करें तो साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में सपा के टिकट के कई दावेदार थे। इन लोगों ने अपनी मजबूत टीम बनाई हुई थी। लेकिन टिकट तो किसी एक को ही मिलता है। जैसी कि उम्मीद थी यहां से पाटी्र ने नव प्रवेशी एवं पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को टिकट दे दिया। अमरपाल शर्मा को टिकट मिलने के बाद पार्टी के साहिबाबाद विधानसभा अध्यक्ष मनमोहन झा गामा ने खुली बगावत कर दी और एआईएमआईएम में शामिल होकर औवेसी के प्रत्याशी बन गये। जबकि पार्टी के जिला महासचिव अपनी पूरी टीम के साथ घर पर ही आराम फरमाने लग गये। इसमें कई पार्टी पदाधिकारी भी शामिल है।

इससे इतर देखो तो पार्टी के कई वरिष्ठ नेता जिनमें व्यापार प्रकोष्ठ के वरिष्ठ नेता भी है वे चुनाव में टिकट मांगने में तो आगे रहे। लेकिन टिकट न मिलने पर घर पर आराम करने बैठ गये। इतना ही नहीं मोदीनगर में भी सपा के एक बड़े नेता है। सपा सरकार में उन्हें दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री बनाया गया था। इतना ही नहीं वे पार्टी के जिला व महानगर अध्यक्ष भी रह चुके हैं। लेकिन बात चुनाव की आई तो ये महाशय भी घर के अंदर से दूसरे प्रत्याशी की मदद करते रहे। सूत्रों का दावा है कि पार्टी के जो नेता गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में खुलकर नहीं लगे इसका पार्टी सीधा अर्थ लगा रही है कि इन्होंने गठबंधन प्रत्याशियों के विरोध में काम किया है। सपा सूत्रों के अनुसार मतगणना के पार्टी पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष समीक्षा करेंगे। इस समीक्षा में पूरी हकीकत उनके सामने होगी।

हालांकि, सपा के एक प्रत्याशी कहते हैं मेरे लिए सभी ने काम किया। फिर उनका कहना है कि मुझे क्यों फंसा रहे हो। जिलाध्यक्ष से पूछिये। पार्टी के एक पदाधिकारी कहते हैं कि जब मलाई खानी होनी है तो गिने चुने लोग उस मलाई को चाट जाते हैं। लेकिन काम करने का समय आने पर ऐसे लोग या तो घरों में दुबके रहते हैं, अथवा विरोधियों की मदद करते हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये।

सपा के वैश्य नेताओं पर जमकर उठ रही उंगली

सपा के कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी पार्टी के पुराने वैश्य नेताओं के ऊपर भी उंगली उठा रहे हैं। उनका कहना है कि जो पार्टी के लिए समय नहीं दे सकते अथवा चोरी छुपे विरोधियों की मदद करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिये।

क्या कहते हैं सपा जिलाध्यक्ष

सपा जिलाध्यक्ष राशिद मलिक कहते हैं कि कुछ स्थानों से पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं की शिकायत मिली है। चुनाव संपन्न होने के बाद पूरे जिले की रिपोर्ट बनाकर राष्टÑीय अध्यक्ष एवं प्रदेश अध्यक्ष को भेजी जायेगी।

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