Dainik Athah

साइबर सेल और विजयनगर पुलिस ने किया ठग गिरोह का खुलासा

नाइजीरियन भारत में चला रहा था ठगी का रैकेट

विदेशी लड़के या लड़की की फर्जी प्रोफाइल फेसबुक पर बनाकर तलाशते थे शिकार

अथाह संवाददाता
गाजियाबाद।
फेसबुक पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर विदेशी लड़की और लड़का बनकर भारतीयों को ठगने वाले एक गिरोह का साइबर सेल और विजयनगर पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने एक नाइजीरियन नागरिक समेत तीन युवकों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 32 एटीएम कार्ड, 5 मोबाइल, चार रेंट एग्रीमेंट, एक पासपोर्ट की छाया प्रति, 6 चेक बुक, एक आधार कार्ड की छाया प्रति और दो पासबुक बरामद की हैं। विजयनगर के शांतिनगर निवासी एक शख्स के शिकार होने के बाद पुलिस सर्विलांस के माध्यम से गिरोह तक पहुंची। पकड़े गए ठगों में नाइजीरियन, गिरोह का सरगना बताया जा रहा है।

शुक्रवार को प्रेस वार्ता के दौरान एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में विदेशी नागरिक आका दिदायर निवासी नाइजीरिया और प्रिस पांडे निवासी वृंदावन कॉलोनी साबेरी नोएडा एवं अरविंद वर्मा निवासी सृष्टि अपार्टमेंट साबेरी नोएडा है। जालसाजों ने पूछताछ के दौरान बताया कि हम लोग विदेशी लड़कियां व लड़के बनकर सोशल मीडिया द्वारा भारतीय लोगों से दोस्ती करके ठगी करते थे। आरोपी शादी का झांसा देकर, भारत घुमाने की बात करते हुए महंगे गिफ्ट लाते समय स्वयं को एयरपोर्ट पर पकड़े जाना बताकर कस्टम विभाग को रकम देने की बात बताते हुए भारतीय लोगों से ठगी करते थे। गरीब जनता को पैसे का लालच देकर उनके फर्जी आधार कार्ड तैयार करके उसी फर्जी आईडी पर सिम कार्ड खरीद कर तथा बैंक खाता खुलवा कर लोगों को कॉल करके स्वयं को विदेशी डॉक्टर, इंजीनियर या बिजनेसमैन बताकर फ्रॉड किया करते थे। उन्होंने बताया कि पूछताछ में यह भी पता चला है कि अब तक जालसाज बहुत से लोगों के साथ मोटी ठगी कर चुके हैं।

विजयनगर के शांतिनगर में दया फार्म हाउस के पास रहने वाले मधुरेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस से शिकायत की थी कि फेसबुक पर उनकी दोस्ती जेनिफर जॉनसन नाम की युवती से हुई। जेनिफर ने 24 नवंबर 2021 से उनसे व्हॉट्सएप, फेसबुक मैसेंजर पर चैटिंग शुरू कर दी। जेनिफर ने खुद को लंदन से बताते हुए भारत घूमने की इच्छा जाहिर की। उसने चार माह की सैलरी एडवांस मिलने की बात कहते हुए उनके पास साढ़े तीन लाख पौंड का ड्राफ्ट भेजा। साथ ही एयर टिकट भेजकर 2 दिसंबर को मुंबई और फिर वहां से लोकल फ्लाइट लेकर दिल्ली आने की बात कही। इसके बाद 2 दिसंबर को उनके पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को कस्टम अधिकारी बताते हुए कहा कि उनकी दोस्त जेनिफर के पास साढ़े 3 लाख पौंड का चेक है। जिसकी कस्टम ड्यूटी के रूप में 65 हजार रुपये भेजने होंगे। कॉलर ने एक खाता नंबर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खाते से 65 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए।

तीनों जालसाजों का अलग अलग था काम
विजय नगर कोतवाल योगेंद्र मलिक ने बताया कि पकड़े गए तीनों आरोपियों का अलग-अलग काम था। इसमें से प्रिंस पांडे गरीब जनता को तलाश कर उनके फर्जी आधार कार्ड तैयार करता था। बैंक खाता खुलवा कर बैंक से एटीएम रिसीव कर नाइजीरियन तक पहुंचाने का कार्य करता था। इसके साथ ही अरविंद शर्मा फर्जी दस्तावेजों पर सिम कार्ड उपलब्ध कराता था और ठगी की रकम में से सात प्रतिशत हिस्सेदारी लेता था, जबकि पकड़ा गया विदेशी नागरिक गैंग का मुख्य सरगना है, जो अप्रैल 2019 में 6 महीने के वीजा पर भारत आया था। उसके बाद से दिल्ली में छिपकर रह रहा था। पूर्व में उत्तराखंड पुलिस द्वारा भी जेल भेजा जा चुका है। लड़का और लड़की दोनों की आवाज बदल बदल कर बातकर लेता है। इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया पर भारतीय लोगों से मुलाकात कर ठगी करने का कार्य करता है। एटीएम से पैसे निकालने का कार्य भी इसी का था और ठगी का 93 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखता था।

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