जितेंद्र नारायण की रिहाई के लिए धरने पर बैठे
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती गुरूवार को देहरादून जेल से रिहा हो गए। यति नरसिंहानंद सरस्वती और जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को हेट स्पीच के आरोप में हरिद्वार के सर्वानंद घाट से 15 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और तभी से दोनों ही देहरादून की जेल में बंद थे। लेकिन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी को जमानत नहीं मिलने की वजह से उन्होंने हरिद्वार स्थित सर्वानंद घाट पर अनशन शुरू किया है।
आपको बताते चलें कि गाजियाबाद के डासना स्थित देवी मंदिर के महंत एवं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती और धर्म परिवर्तन कर हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी पर हेट स्पीच का आरोप लगा था। जिसके बाद उन पर केस दर्ज हुआ। दोनों ही हरिद्वार में सर्वानंद घाट पर मौजूद थे। वहीं से दोनों को उत्तराखंड पुलिस द्वारा 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया और उन्हें देहरादून की जेल में रखा गया।
यति नरसिंहानंद फाउंडेशन और उनके तमाम समर्थकों ने इस बात का कड़ा विरोध किया। इनके समर्थकों का कहना है। कि बहुत मामूली धाराओं में इन दोनों पर केस दर्ज हुआ था। उसके बावजूद भी उन्हें जेल में रखा गया। इतना ही नहीं उन्हें जमानत भी नहीं मिल पाई। दोबारा से फिर जमानत याचिका दाखिल की गई और 15 फरवरी को यति नरसिंहानंद सरस्वती को जमानत मिल गई। लेकिन जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी कि अभी भी जमानत नहीं हो पाई है।
जैसे ही यति नरसिंहानंद सरस्वती जेल से बाहर आए तो उनके समर्थक बाहर मौजूद थे। सभी समर्थकों ने उनका माला पहना कर स्वागत किया। इस दौरान यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि भले ही वह रिहा हो गए हैं, लेकिन उनके भाई जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जब तक रिहा नहीं होंगे, तब तक वह उसी सर्वानंद घाट पर अनशन पर बैठेंगे और अपने आप को भी उसी वक्त रिहा मानेंगे।