Dainik Athah

राग दरबारी

… अपनी पता नहीं दूसरे क्षेत्रों का कर रहे विश्लेषण

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं तो शमशान घाट हो या कहीं दावत हर जगह केवल चुनावी चर्चा ही चल रही है। बृहस्पतिवार को दरबारी लाल अपने एक मित्र के यहां पारिवारिक समारोह में शामिल हुए। वहीं पर उनके दूर दराज के रिश्तेदार भी आये हुए थे। इसी दौरान चल पड़ी चुनावी चर्चा। एक दूर के जिले से आये महाशय गाजियाबाद जिले के चुनाव का विश्लेषण कर रहे थे। जब उनके अपने जिले की आई तो साहब खेल गये। कहने लगे एक सीट जीत रहे हैं, बाकि पर पेंच फंसा हुआ है। इतना सुनते ही दरबारी लाल के बराबर में बैठे मित्र कहने लगे अपनी पता नहीं, दूसरे का कर रहे हैं विश्लेषण। बता पते की थी। दरबारी लाल भी अपने दोस्त को दाद दिये बगैर नहीं रह सके।

… और अपने ही जन्म दिन पर नहीं लगाया पौधा

फूल वाली पार्टी में एक पदाधिकारी महोदय की जोड़ी की चर्चा हर जगह होती है। हम भी कहते हैं भगवान जोड़ी को बनाये रखें। ये पदाधिकारी किसी का भी जन्म दिन होता है तो उसके हाथों से पौधा जरुर लगवाते हैं। उनके इस कार्य की जमकर सराहना भी होती है। पिछले दिनों उन पदाधिकारी महोदय का जन्म दिन था। अब सुबह से ही बधाई देने वालों के इतने फोन आये और पूरे दिन में इतने केके काटे गये कि वे खुद ही पौधा लगाना भूल गये। दरबारी लाल के कान में उनके एक मित्र ने फूंका लो जी कर लो बात अपने जन्म दिन पर ही पर्यावरण संरक्षण को भूल गये। इसकी चर्चा भी महानगर में खूब हो रही है।

…दरबारी लाल

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