Dainik Athah

लोनी विधानसभा सीट पर मतदान के बाद चल रही है आंकड़ेबाजी, चमत्कारिक होंगे लोनी विधानसभा सीट के परिणाम

मतदान कर दौरान रहा त्रिकोणीय मुकाबला

जाट-गुर्जर और मुस्लिम गठजोड़ की वजह से रालोद प्रत्याशी मदन भैया की स्थिति मजबूत

भाजपा उम्मीदवार नंदकिशोर गुर्जर के समर्थक भी कर रहे हैं जीत के दावे

प्रदीप वर्मा,
गाजियाबाद।
लोनी विधानसभा सीट के चुनावी नतीजे इस बार चमत्कारिक होने वाले हैं। मतदान के बाद चुनावी अनुमान की बात करें तो प्रमुख पार्टी भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल समेत निर्दलीय प्रत्याशी भी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन ऊंट किस करवट बैठेगा, यह केवल अभी तक अनुमान तक ही सीमित है। हालांकि लोनी में जिस तरह से भाजपा और राष्ट्रीय लोक दल के प्रत्याशी समर्थकों के बीच हार-जीत का दांव खेला जा रहा है, उससे तस्वीर कुछ दूसरी ही दिख रही है। लोनी विधानसभा सीट का इतिहास है कि मुस्लिम मतदाता चुनाव परिणाम को प्रभावित करते रहे हैं और इस बार जाट और मुस्लिम गठजोड़ की वजह से रालोद प्रत्याशी की स्थिति बेहद मजबूत मानी जा रही है।

लोनी विधानसभा सीट के इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो 2017 में लोनी विधानसभा सीट पर 456713 मतदाता थे। जिनमें से 60.12 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 274555 मत पड़े। 2017 में भाजपा के नंदकिशोर गुर्जर 113088 मत लेकर विजयी रहे बसपा के जाकिर अली को 70275 मत पड़े और वह दूसरे नंबर पर रहे। राष्ट्रीय लोक दल से मदन भैया को 42 539 मत पड़े और वह तीसरे नंबर पर रहे। जबकि समाजवादी पार्टी से राशिद मलिक 42302 मत लेकर चौथे स्थान पर रहे। लेकिन इस बार हालात बदले हुए हैं। 2017 में मोदी लहर में भाजपा की ऐसी सीटें भी निकल गई थी, जिनकी उम्मीद पार्टी हाईकमान को भी नहीं थी। इस बार सत्ता विरोधी मतदान ज्यादा हुआ, जिसकी वजह से भाजपा के लिए यह सीट निकालना आसान नहीं दिख रहा।

मौजूदा विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो कुल 512752 मतदाता लोनी विधानसभा क्षेत्र में हैं। जिनमें से 61.87 प्रतिशत मतदान हुआ। यानी 317240 मत पड़े। अब लोनी के जातिगत आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो ब्राह्मण 26000, वैश्य 14000, ठाकुर 14000, त्यागी 12000, जाट 13000, गुर्जर 85000, यादव 4000, सैनी 5000, कश्यप 12000, प्रजापति 9000, पाल 13000, नाई 8000, खटीक 8000, जाटव 47000, वाल्मीकि 18000, मुस्लिम 165000, उत्तराखंडी 18000 व अन्य 42000 शामिल हैं।

लोनी विधानसभा सीट पर मौजूदा चुनाव में कुल 10 प्रत्याशी मैदान में रहे। लेकिन मुकाबला त्रिकोणीय रहा। भाजपा प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर, राष्ट्रीय लोक दल प्रत्याशी मदन भैया और भाजपा की बागी निर्दलीय उम्मीदवार रंजीता धामा के बीच कांटे की टक्कर रही।

वोटों के ध्रुवीकरण की वजह से किसके पक्ष में कितना मतदान हुआ, यह बताना तो भी संभव नहीं है, लेकिन जाट, गुर्जर, मुस्लिम गठजोड़ के चलते इस बार राष्ट्रीय लोक दल प्रत्याशी मदन भैया का पलड़ा भारी दिख रहा है।

हालांकि भाजपा प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर की ओर से भी दावे किए जा रहे हैं कि वह 20 से 25000 वोटो से जीतेंगे, लेकिन भाजपा की बागी और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ी लोनी चेयरमैन रंजीता धामा के पक्ष में जिस तरह से हवा रही, उससे भाजपा प्रत्याशी की जीत आसान होती नहीं दिख रही है।

चुनाव का परिणाम वैसे तो 10 मार्च को आएगा, लेकिन फिलहाल प्रत्याशी और उनके समर्थक चुनावी घटा-जोड़ करके हार जीत के दावे कर रहे हैं।

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