किसानों और वेब सिटी बिल्डर के बीच गुरुवार को नहीं हो सकी वार्ता
किसानों और वेब सिटी बिल्डर के आदमियों के बीच हुई कहासुनी
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों पक्षों को समझाकर किया शांत
अथाह संवाददाता,
गाजियाबाद। किसानों और वेब सिटी के अधिकारियों के बीच होने वाली वार्ता गुरुवार को नहीं हो सकी। लेकिन वेब सिटी बिल्डर द्वारा किसानों की जमीन पर सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया गया, जिससे गुस्साए किसानों ने मौके पर पहुंचकर मजदूरों को खदेड़ा और काम रुकवा दिया। सूचना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत किया। किसानों ने ऐलान किया है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारी की मध्यस्थता के बीच जब तक वेब सिटी बिल्डर से बातचीत नहीं होगी, जमीन पर काम शुरू नहीं करने दिया जाएगा।
आपको बता दें कि इकला, बयाना, नायफल, काजीपुरा समेत 18 गांव की जमीन वेब सिटी प्रोजेक्ट के तहत गई हुई है और किसान पिछले लंबे समय से जमीन का मुआवजा बढ़ाकर देने की मांग कर रहे हैं। इसी के चलते पिछले दिनों गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के गेट पर किसानों ने धरना दिया था। किसानों के प्रदर्शन को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने यह आश्वासन देकर समाप्त कराया कि वेब सिटी के बिल्डर के साथ किसानों की मीटिंग कराई जाएगी। इसके लिए 21 फरवरी यानी आज का दिन निश्चित किया गया था।
वेब सिटी के प्रभावित 18 गांवों के किसान गुरुवार को इस मीटिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। लेकिन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों की ओर से बैठक निरस्त किए जाने की सूचना मिली। दूसरी ओर वेब सिटी बिल्डर ने अपने बाउंसर्स के साथ सड़क बनाने का काम शुरू कर दिया। जिसकी सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में किसान मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस को सूचित करते हुए वेब सिटी बिल्डर का काम रुकवा दिया। इस दौरान वेब सिटी बिल्डर के आदमियों और किसानों के बीच तीखी झड़प भी हुई, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर शांत कर दिया।
इस मामले में किसानों का कहना है कि जब तक वेब सिटी बिल्डर और किसानों के बीच वार्ता नहीं हो जाती मौके पर काम शुरू नहीं करने दिया जाएगा। इस मौके पर मुख्य रूप से भारतीय किसान संगठन के जिला अध्यक्ष लोकेश नागर, जिला उपाध्यक्ष निखिल वर्मा, अमित चौधरी गजेंद्र सिंह, पप्पू, पिंटू चौधरी, सतीश त्यागी, मोहित त्यागी, प्रमोद त्यागी, स्वरूप यादव एडवोकेट, कृष्ण यादव, प्रमोद यादव आदि किसान मौजूद रहे।