यह दिन पांच वर्ष में एक बार आता है जब आपको अपने प्रदेश की सरकार को चुनना होता है। इसके साथ ही आपको यह भी तय करना होता है कि आपका जन प्रतिनिधि कैसा हो। जन प्रतिनिधि ऐसा हो जो आपके दुख दर्द में आपके साथ खड़ा होता हो, आपकी बात को विधानसभा में सरकार के समक्ष उठा सके। लोकतंत्र का आज महापर्व है। क्या यह महापर्व गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के लिए ही है। उच्च वर्ग के लोग क्या इस देश के नागरिक नहीं है। अक्सर यह देखने में आता है कि जहां पर गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोग निवास करते हैं वहां पर वोट डालने के लिए लंबी कतारें लगी होती है, जिन बूथों पर उच्च वर्ग के वोट होते हैं वे इस दिन को अवकाश के रूप में लेते हैं तथा घर में या तो आराम कर रहे होते हैं अथवा पिकनिक मनाने के लिए सुबह ही निकल जाते हैं। जो लोग अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करते वे लोकतंत्र के इस उत्सव का आनंद भी नहीं ले सकते। इसके साथ ही संविधान में उन्हें जो अधिकार दिया गया है वे उससे भी खुद को वंचित करते हैं। इसके बाद वे सरकार तथा अपने जनप्रतिनिधियों पर ऊंगली उठाते हैं। लेकिन ऐसे लोग यह नहीं सोचते कि क्या उन्होंने संविधान में दिये अपने अधिकार का उपयोग किया। उम्मीद है कि इस बार लोकतंत्र के इस महापर्व में आप सभी लोग योगदान देंगे। इस योगदान से आप गाजियाबाद जिले को मतदान में ऊपर तक लेकर जायेंगे। यदि मतदान फीसद आप 70 तक ले जाते हैं तो हम भी गर्व से कहेंगे कि गाजियाबाद जिले के लोग अपने अधिकार के प्रति जागरूक है। इससे जिले के पुलिस व प्रशासन का सिर भी गर्व से ऊंचा होगा कि हमारे जिले में लोग इतने जागरूक है कि वे लोकतंत्र एवं संविधान में दिये अपने अधिकार का प्रयोग करते हैं। एक बार फिर आपसे अनुरोध है कि अपने मताधिकार का प्रयोग कर जिले का नाम ऊंचा रखें। जय हिंद, जय भारत