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पेंशन योजना पर अखिलेश ने बदला पाला , लगातार झूठ बोलते बोलते अखिलेश के मुँह से सच निकल गया: सुरेश खन्ना

अखिलेश ने नई योजना के प्रावधान की वकालत की

“कॉर्पस् फंड ही तो नई पेंशन योजना है जिसका अखिलेश वायदा कर रहे हैं”

एन पी एस हर हाल में कर्मचारियों के लिए है बेहतर: वित्त मंत्री

अथाह ब्यूरो
लखनऊ।
 पेंशन योजना पर कर्मचारियों का पहले ही नुकसान कर चुके अखिलेश यादव ने अब लगता है इस मुद्दे पर अपना गोल पोस्ट ही बदल दिया है। पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की बात करते करते अखिलेश अब नई पेंशन योजना के प्रावधानों की वकालत करने लगे हैं।

 उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने समाजवादी पार्टी द्वारा पेंशन मामले पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए अखिलेश से पूछा कि  ‘कॉर्पस् फंड’ का वायदा करते हुए क्या वह भूल गए कि यह नई पेंशन योजना का प्रावधान है।

 सुरेश खन्ना ने कहा सिर्फ विरोध के लिए विरोध करने और लगातार झूठ बोलने का यही परिणाम होता है कि कभी मुँह से सच निकल जाता है। यही अखिलेश के साथ हुआ जब उन्होंने पुरानी योजना के वकालत करते हुए  ‘कॉर्पस् फंड’ का वायदा कर डाला जो नई योजना में शामिल है।

उन्होंने कहा यह सर्वविदित है कि एन पी एस 2005 में सपा सरकार में लागू हुई थी और अखिलेश ने 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहते हुए इसके लिए कुछ नही किया बल्कि राज्य सरकार का अंशदान रोक कर कर्मचारियों का अहित करने में कोई कसर नही छोड़ी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस हज़ार करोड़ रुपए का अंशदान जमा करके सरकारी कर्मचारियों को राहत दी थी। प्रदेश के वित्त मंत्री ने विश्वास दिलाया कि एन पी एस में 85 प्रतिशत् राशि पूरी तरह सरकारी कंट्रोल में रहती है जबकि 15 प्रतिशत अधिक लाभ के लिए फ्लैक्सिबल मार्केट में लगाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि ओ पी एस और एनपीएस में प्रचारित किए जा रहे अंतर की बिंदुवार हकीकत यह है कि कटौती की धनराशि सरकार के 14% अंशदान एवं अर्जित ब्याज सहित कर्मचारी को ही वापस होगी, द्वितीय  टियर में जमा धन राशि की निकासी पर रोक नहीं है। इसके अलावा एनपीएस में भी फैमिली पेंशन और ग्रेच्युटी का प्रावधान है।

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