एक प्रत्याशी दूसरे के चंदे पर लगा रहा रोक
गाजियाबाद शहर सीट पर बेहद रोचक मामला सामने आ रहा है। यहां पर फूल वाली पार्टी से प्रदेश सरकार के एक माननीय मंत्री जी चुनाव मैदान में है। यहीं पर फूल छोड़ एक मजबूत नेता हाथी पर सवार हो गये हैं। मंत्री जी को खतरा भी हाथी वाली पार्टी से नजर आ रहा है। अब मंत्री जी के लोग हाथी वालों के घर पर नजर जमाये रहते हैं। दरबारी लाल को पता चला है कि कोई भामाशाह यदि हाथी वाले को सहयोग करना चाहे तो फूल वाले फोन कर कह देते हैं कि इन्हें चंदा मत देना। अब वे लोग बड़ी दुविधा में है जो सहयोग करना चाहते हैं। अब हाथी वाले भाई साहब को फोन कर कहा जा रहा है हमसे मिलना मत। सहयोग हम खुद पहुंचवा देंगे। देखते हैं फूल वाले चंदे को कहां तक रोक पाते हैं।
बड़े नेताओं के नाम पर जीतना चाहते हैं जबकि …
गाजियाबाद शहर विधानसभा चुनाव में सभी प्रत्याशी प्रचार के दौरान जनता से विकास कार्य कराने के वादे कर रहे हैं वही पहले जो जनप्रतिनिधि रहे हैं वह सरकार और अपनी उपलब्धि बता रहे हैं। किंतु एक प्रत्याशी ऐसा भी है जो अपनी उपलब्धि और क्षेत्र में उपलब्धता पर तो कोई जवाब नहीं दे पा रहे। किंतु संगठन और प्रदेश तथा देश के बड़े नेताओं के नाम पर चुनाव लड़ने की कवायद कर रहे हैं, साथ ही साथ जनता को बता रहे हैं कि आपने केंद्र और प्रदेश बड़े नेताओं के नाम पर मुझे जिताया था। आगे भी उन्हीं को मजबूत करने के लिए मुझे एक बार फिर जिता कर भेजें। आप जनता इसका क्या मतलब समझे जब नेता जी खुद दूसरों के नाम पर जीतना चाहते हैं जबकि क्षेत्र में नाराजगी तो उनसे है।