अथाह ब्यूरो
लखनऊ। केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘ये नई सपा नहीं, ये वही सपा है, जिससे जनता पूरी तरह खफा है। 10 मार्च को सपा प्रमुख अखिलेश जी कहेंगे कि अबकी फिर ईवीएम बेवफ़ा है‘। उन्होंने कहा कि सपा सरकार में बिजली के तार कपड़े सुखाने के काम आते थे। एक माह में 300 घंटे भी बिजली मिलना जिसके कार्यकाल में मुश्किल था, वो 300 यूनिट फ्री बिजली देने की बात कहते हैं तो संदेह होता है। जिन्होंने प्रदेश को गुण्डाराज, भ्रष्टाचार और दंगाराज दिया उन पर जनता कैसे भरोसा कर सकती है।
उन्होंने कहा कि सपा गठबंधन की पहली सूची देखे तो जिनको इन्होंने टिकट देकर उतारा है ये सपा के उम्मीदवार नहीं जनता की उम्मीदों पर वार करने वाले लोग हैं। इनमें कोई जेल में है तो कोई बेल पर है। छिप-छिप कर टिकट देने वाली सपा सरकार के कार्यकाल में बहु-बेटी असुरक्षित महसूस करती थी आज योगी सरकार में पिछले पांच सालों में महिला और बेटियों की सुरक्षा प्राथमिकता रही है। यही कारण है कि अपर्णा यादव, अदिति सिंह और प्रियंका मौर्या ने बीजेपी को चुना। प्रदेश की बहू-बेटियां खुद को बीजेपी में ही सुरक्षित महसूस करती हैं।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता से झूठे वायदे कर रही हैं। 300 यूनिट फ्री बिजली के झूठे वादे सपा कर रही है। योगी सरकार ने डेढ़ करोड़ बिजली कनेक्शन, किसानों के बिजली बिल को माफ करने का कार्य किया है, जो 70 सालों में बीएसपी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ने नहीं किया। समाजवादी गठबंधन की सूची में ज्यादातर जेल वाले हैं या बेल वाले हैं, इनकी सूची के उम्मीदवार नहीं बल्कि जनता की उम्मीदों पर वार करने वाले हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 में जनता अपना बहुमूल्य वोट बीजेपी को देगी। यह जनता वाकियों को नकारते हुए बीजेपी को एक बार फिर से स्वीकार करेगी। यूपी की आधी आबादी मातृशक्ति योगी सरकार में खुद को सुरक्षित महसूस करती है। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास की नीति पर चलने वाली सरकार है। बीजेपी धर्म, जाति, मजहब के आधार पर नहीं बल्कि राष्ट्र को आगे बढ़ाने, विकास और तरक्की की राजनीति करने वाली पार्टी है। यही कारण है कि 46 लाख मकान, डेढ़ करोड़ निशुल्क बिजली का कनेक्शन, 3 करोड़ से अधिक शौचालय और 15 करोड़ डबल डोज मुफ्त राशन सभी जाति मजहब के लोगों को दिया गया। वहीं विपक्ष लगातार अपने जातीय समीकरण और तुच्छ राजनीति से जनता को बहकाने और बरगलाने की कोशिश कर रही है। इस कोशिश में वह पूरे तौर पर साल 2017 में भी नाकाम रही वैसे ही साल 2022 के चुनावी नतीजों में भी समाजवादी पार्टी को जनता पूर्ण रूप से नकार देगी।