… जब गठबंधन को चुनाव लड़वाना था तो क्यों आये फूल वाली पार्टी में
पिछले दिनों एक नेताजी को कई माह के अथक प्रयासों के बाद आखिरकार फूल वाली पार्टी में इंट्री मिल गई। वह भी पार्टी कार्यालय के स्थान पर खेल के मैदान में। इसके लिए उन्हें पार्टी के जनरल के साथ ही लंबे कद के एक वरिष्ठ नेता का शुक्रगुजार होना चाहिये। लेकिन नेताजी की फितरत नहीं गई। दरबारी लाल को फूल वाली पार्टी के लोगों से पता चला कि नेताजी के मनपसंद नेता को जब किसी भी क्षेत्र से टिकट नहीं मिला तो वे मोदीनगर में गठबंधन को चुनाव लड़ाने में मशगूल हो गये। अब इसकी चर्चा भी पार्टी में खूब हो रही है। एक नेताजी कहते हैं कि यह तो उनकी फितरत में ही है कि जिस पार्टी में रहते हैं उसके स्थान पर विरोधियों के साथ खड़े दिखते हैं।
… और गोपनीय रूम में जाने के बाद गुम हो जा रहे थे नेता
फूल वाली पार्टी के एक प्रत्याशी का कार्यालय शहर के प्रमुख बाजार में है। इस कार्यालय में एक गोपनीय रूम है। दरबारी लाल जब कार्यालय पर पहुंचे और पूछा कि फलां नेता कहां है। इस पर पता चला कि ऊपर एक गोपनीय रूम है। नेताजी वहीं पाये जाते हैं। कुछ माह पहले हाथी वाली पार्टी से फूल वाली पार्टी में आने वाले एक कथित नेता भी आते हैं और चुपके से ऊपर के कमरे का रूख कर लेते हैं। इतना ही नहीं फिर एक व्यापारी नेता आते हैं उनके सामने गोपनीय रूम की बात चली तो वे भी उधर की तरफ चल दिये। लेकिन वे नेताजी भी लौटकर नहीं आये। इस पर वहां बैठे एक कार्यकर्ता ने चुटकी ली कि जो गोपनीय रूम में जाता है गुम हो जाता है। यह सुनकर पास बैठे लोग अपनी हंसी नहीं रोक पाये।