… तीन विधायकों को तो स्वामी की फोटो की पूजा करनी चाहिये
फूल वाली पार्टी के एक प्रत्याशी के घर पर इसी पार्टी के वरिष्ठ नेता बैठे थे। इनमें जन प्रतिनिधि भी थे तो पूर्व जन प्रतिनिधि भी। इसी दौरान पार्टी के घोषित प्रत्याशियों के विषय में चर्चा शुरू हो गई। इसके साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई कि किस किस के टिकट कट सकते थे। इस पर पूर्व जन प्रतिनिधि ने कहा भला हो स्वामी प्रसाद का। यदि स्वामी ने मामला न बिगाड़ा होता तो पता लगता कि टिकट कैसे कटते हैं। इस पर वर्तमान जन प्रतिनिधि ने कहा भइया तीन विधायकों को तो स्वामी जी की फोटो अपने बैडरूम में लगाकर रोजाना फोटो की पूजा करनी चाहिये। दरबारी लाल ने देखा तो वहां मौजूद सभी वरिष्ठ उनकी हां में हां मिला रहे थे। लेकिन जहां वे बैठे थे वह प्रत्याशी उन तीन में नहीं थे।
शक और लाल-पीले होने का सिलसिला जारी रहा तो…
फूल वाली पार्टी के एक प्रत्याशी नामांकन करने से पहले कार्यकतार्ओं के साथ कार्यालय पर थे। यहां लाइनपार क्षेत्र के कार्यकर्ता और कुछ पार्षद एक साथ बैठे नजर आए। तभी प्रत्याशी राज्यसभा सांसद का हाथ पकड़कर उन कार्यकतार्ओं की ओर ले जाने का आग्रह किया और कार्यकतार्ओं को समझाने को कहा! लाइनपार क्षेत्र के शक की निगाह से देखे जाने वाले यह कार्यकर्ता कई लोगों को बता चुके थे कि उनकी निष्ठा पार्टी में है और रहेगी। कुछ ही समय में फूल वाली पार्टी के प्रत्याशी नामांकन के लिए चले गए और उनके बाद उनके एक प्रतिनिधि लाइनपार क्षेत्र के कुछ कार्यकतार्ओं पर कार्यकतार्ओं के लिए किए गए कार्यों को गिनाते हुए लाल पीले होते नजर आए। हालांकि यह नजारा शहर के अनेकों कार्यकतार्ओं ने देखा। शक और कार्यकतार्ओं पर लाल पीले होने का सिलसिला जारी रहेगा तो कार्यकतार्ओं की निष्ठा कब तक बनी रहेगी?