शिवम् चौधरी
(टेक एक्स्पर्ट)
गूगल भारत में ₹ 75000 करोड़ निवेश करने जा रहा है और इस नेवश के लिए ख़ास “गूगल इंडिया डिजिटाईजेशन” फंड भी बनाया गया है जिसकी घोषणा गूगल सी ई ओ सुंदर पिचाई ने गूगल फ़ोर इंडिया की छठी कॉन्फ़्रेन्स में की, जोकी इस बार वर्चूअली की गई।
₹ 75000 करोड़ की ये भारी भरकम रक़म अगले पाँच से सात सालो में भारत में निवेश की जाएगी, जिससे भारत की डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा।
ये निवेश चार मुख्य केंद्रो पर आधारित है ।
१) सभी तक सस्ता इंटरनेट और जानकारी उन्ही के भाषा में पहुँचना –
इसके लिए गूगल ने भारत में डिजिटल इन्फ़्रस्ट्रक्चर को बढ़ाने का एलान किया है, इंटरनेट को और ज़्यादा सस्ता बनाया जाएगा, जहां पर अभी सुविधा नही है वहाँ तक पहुँचाया जाएगा और सस्ते स्मार्ट्फ़ोन बनाने पर भी ज़ोर दिया जाएगा,
ताकि सभी लोगों के पास इंटरनेट के साथ स्मार्ट्फ़ोन हो, और सभी लोग सही जानकारी अपनी लोकल भाषा में जान सकें, इसके लिए गूगल भारत में क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी उपलब्ध कराएगा।
२) छोटे और मध्यम व्यापारों का डिजिटलकरण
इसके लिए गूगल ने प्रसार भारती के साथ करार करने की घोषणा की है, जिसके बाद अब बहुत जल्द दूरदर्शन पर एक रोज़ाना एक कार्यक्रम देखने को मिलेगा जिसमें व्यपरीयो को डिजिटल टूल्स के माध्यम से होने वाले फायदो के बारे में बताया जाएगा।
३)भारत की ज़रूरतों के अनुसार नई सेवाएँ और उपकरण लाना
फ़िलहाल भारत की सबसे बड़ी ज़रूरत है कोरोना काल के चलते बंद पड़े स्कूल और कॉलेज की वजह से छात्रों की पढ़ाई के नुक़सान को कम करना और इसके लिए गूगल ने “टीच फ़्राम होम” पोर्टल की शुरुआत की है जिसके ज़रिए गूगल के ऐप्स को फ़्री में इस्तेमाल किया जा सकता है, साथ ही गूगल ने सीबीएसई के साथ करार किया है जिसके तहत भारत के सीबीएसई स्कूलों के दस लाख अध्यापकों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए गूगल ऐप्स जैसे जी-सूटस, गूगल क्लासरूम, यूट्यूब आदि की ट्रेनिंग इस साल के अंत तक दी जाएगी।
इसके अलावा गूगल ने भारत की कैवल्य एजुकेशन फ़ाउंडेशन को भी 1 बिल्यन डॉलर देने का एलान किया है, जो अन्य दो संस्थानो के साथ मिलकर ₹7लाख अध्यापकों को वर्चूअल लर्निंग का प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिससे ये संस्थाए आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करा सके।
४) खेती, स्वास्थ्य और पढ़ाई के क्षेत्र में तकनीक और आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स का इस्तेमाल
गूगल डिजिटाईजेशन फंड के ज़रिए खेती, स्वास्थ्य और पढ़ाई के क्षेत्र में निवेश किया जाएगा और आने वाले समय में इन सभी जगह तकनीक और आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स का ज़्यादा इस्तेमाल किया जाएगा।