उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए नामांकन में अब केवल दो दिन शेष रह गये हैं। सभी दलों ने अपने अधिकांश सूरमा मैदान में उतार दिये हैं। इसमें सपा- रालोद गठबंधन भी शामिल है। जैसी की पहले उम्मीद थी वैसा ही कुछ सपा- रालोद गठबंधन में होता नजर आ रहा है। मैंने इसी मंथन कॉलम में करीब दो माह पूर्व ही इशारा कर दिया था कि सपा प्रमुख प्रत्याशी चयन में भी रालोद के साथ कुछ न कुछ खेल करेंगे। अब तक की सूची को देखकर पूर्व की भविष्यवाणी सही साबित होती नजर आ रही है। अब तक भी अखिलेश यादव ने यह घोषणा नहीं की है कि रालोद को कितनी सीटें दी गई। इसके साथ ही अपने प्रत्याशियों को रालोद में भेजकर उन्हें गठबंधन का प्रत्याशी बनाया जा रहा है। गाजियाबाद से लेकर सहारनपुर तक कुछ ऐसा ही होता नजर आ रहा है। मेरठ की सिवाल खास सीट से वरिष्ठ नेता डा. राजकुमार सांगवान के टिकट की उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन उनका दुर्भाग्य कि इस बार भी उनके हाथ टिकट नहीं लगा। रालोद के जिन प्रत्याशियों के टिकट काटकर सपा के उधार के प्रत्याशियों को लाया जा रहा है उनको लेकर सवाल भी खड़े होने लगे हैं। अब तो रालोद के लोग ही पूछ रहे हैं कि उधार के इन प्रत्याशियों की निष्ठा किसके साथ होगी। यह बड़ा सवाल है। इसका जवाब भी कैराना के उप चुनाव में रालोद गठबंधन की लोकसभा सांसद ने बगैर मुंह खोले दे दिया था। इन प्रत्याशियों के सहारे रालोद का सफर कैसे पूरा होगा!