लंबे अर्से से सपा- रालोद गठबंधन में सीटों के बंटवारे का इंतजार दोनों पक्षों को हो रहा है। गुरुवार को जब दोनों दलों के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिले उस समय यह उम्मीद बनी थी कि संभवत: आज सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जायेगा। लेकिन राजनीति के चतुर खिलाड़ी बन चुके अखिलेश उर्फ टीपू भइया ने ट्विटर पर यह लिखकर बात खत्म कर दी कि भविष्य के विकास पर चर्चा हुई। इसके बाद उन चर्चाओं पर विराम लग गया कि आज ही सीटों के बंटवारे की घोषणा हो जायेगी। बैठक बगैर किसी नतीजे के खत्म होने से सबसे बड़ा झटका रालोद को लगा है। रालोद के नेता अलग- अलग सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारियों में लगे हैं। लेकिन सीट बंटवारे की घोषणा न होने के कारण रालोद भी अपनी रणनीति तय नहीं कर पा रही है। सपा को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कम सीटों पर चुनाव लड़ना है। सपा उन्हीं सीटों को अपने खाते में रखेगी जहां उसे जीत की पूरी संभावना है। वहीं, रालोद का पूरा दारोमदार पश्चिम पर है। लेकिन समझौते को अंतिम रूप न दिये जाने के कारण उसकी तैयारियों पर असर पड़ रहा है। रालोद से जुड़े लोग मानते हैं इस देरी का लाभ मुख्य रूप से भाजपा को हो सकता है। रालोद के लोग दबे स्वर में बताते हैं कि यह देरी रालोद को भारी पड़ सकती है। लेकिन कोई बोलने की स्थिति में नहीं है। लखनऊ में वार्ता खत्म होने के बाद रालोद के बड़े नेता तो फोन उठाने में भी संकोच कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कब तक वार्ता को अंतिम रूप दिया जाता है।